UP में शिक्षकों की नौकरी अब अधिक सुरक्षित, किसी भी प्रकार की कार्रवाई से पहले लेनी होगी चयन आयोग से अनुमति।

UP 7

UP में शिक्षकों की नौकरी अब पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित हो गई है। शिक्षक सेवा संबंधी नियमावली में दो महीने के अंदर जरूरी बदलाव किए जाने की योजना है। अब शिक्षकों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले शिक्षा सेवा चयन आयोग की अनुमति अनिवार्य होगी।

इस संबंध में विधान परिषद के सभापति ने निर्देश दिया है कि दो महीने के भीतर नियमावली में आवश्यक संशोधन प्रक्रिया को पूरा किया जाए। यह मामला कार्यस्थगन प्रस्ताव के माध्यम से ध्रुव त्रिपाठी द्वारा उठाया गया था। उनका कहना था कि 1982 के माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम के रद्द होने के बाद यह समस्या उत्पन्न हुई है। शिक्षकों की सेवा शर्तों को नए आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर कर दिया गया है, जिससे उन्हें समय पर प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा, प्रबंधन अपने स्तर पर शिक्षकों के निलंबन और सेवा समाप्ति की कार्रवाई कर रहा है, जो अनुचित है। इसलिए, 1982 के रद्द हुए माध्यमिक चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 21 में निर्धारित सेवा शर्तों को UP सेवा चयन आयोग के अधीन कर दिया जाए।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि UP शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम-2023 उच्च सदन से भी पारित हुआ था, और इस तथ्य को ध्यान में रखा जाना चाहिए था। इस पर पीठ ने कहा कि इस तरह का कहना उचित नहीं है। भाजपा सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह और सपा सदस्य लाल बिहारी यादव ने भी इस मुद्दे का समर्थन किया। नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जल्द ही एक बैठक बुलाकर इसका समाधान निकाला जाएगा। सभापति ने निर्देश दिया कि नियमावली में जिस “दंड एवं जांच” विषय को जोड़े जाने की मांग की जा रही है, उसे दो माह के भीतर पूरा करवा लिया जाए।

निर्दल समूह के सदस्य राजबहादुर सिंह चंदेल ने उन्नाव के एक महाविद्यालय के भवन के निर्माण का मुद्दा उठाया, जो 12 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया। इस पर सभापति ने सरकार को प्रकरण की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।

विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र प्रताप सिंह ने राज्य विश्वविद्यालयों को वेतन मद में मिलने वाले अनुदान के तहत फ्रीज राशि बढ़ाने पर विचार करने के निर्देश दिए। यह मुद्दा प्रश्न प्रहर में ध्रुव त्रिपाठी द्वारा उठाया गया था। उन्होंने कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों को पिछले दो वर्षों से एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) का राज्यांश भी नहीं मिल रहा है। मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने उत्तर देते हुए कहा कि वर्तमान में यदि वेतन मद में फ्रीज राशि से अधिक की डिमांड आती है, तो ऐसे मामलों को व्यय वित्त समिति को भेजा जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version