कानूरी बॉर्डर पर 36 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को Punjab सरकार अपने फैसले में शामिल नहीं कर पाई, जिसके कारण आज फिर सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को तीन और दिनों का समय दिया है।
बताते चलें कि 70 वर्षीय डल्लेवाल कैंसर के मरीज भी हैं। 28 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को 31 दिसंबर तक का समय दिया था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को और वक्त दे दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान पंजाब के एजी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार किसानों से बात करती है, तो आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल अपना इलाज कराने को तैयार हो जाएंगे। यह जानकारी उन्हें किसानों ने कल हुई बातचीत के दौरान दी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह समय सीमा मानहानि याचिका पर सुनवाई करते हुए दी थी, जिसमें डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने का उनका पिछला आदेश लागू करने की बात थी, लेकिन इस बार भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कोर्ट ने यह भी कहा कि पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ मानहानि मामले की सुनवाई भी इसी दौरान की जाएगी, जिससे इन दोनों अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कोर्ट के आदेश के बाद पंजाब पुलिस ने किसानों और डल्लेवाल को समझाने की पूरी कोशिश की। 29 और 30 दिसंबर को सेवानिवृत्त एडीजीपी जसकरन सिंह को पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ भेजा गया था, जिन्होंने किसान नेताओं और डल्लेवाल से भी बात की, लेकिन वे नहीं माने। रविवार रात को पुलिस ने जबरन उठाने की कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि किसानों को इसकी भनक लग गई थी।