हरियाणा और पंजाब की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन मामले में आज Supreme Court में सुनवाई हुई. दरअसल, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के बॉर्डर खोलने के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हरियाणा और पंजाब सरकार को यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. यानी शंभू बॉर्डर अभी नहीं खोला जाएगा. इसके साथ ही एक स्वतंत्र समिति बनाने का भी प्रस्ताव दिया गया है, जो प्रदर्शनकारियों से संपर्क करेगी और उनकी मांगों का समाधान करेगी |
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि एक ‘निष्पक्ष मध्यस्थ’ की जरूरत है जो किसानों और सरकार के बीच विश्वास कायम कर सके। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उजल भुआन की पीठ ने कहा कि आपको किसानों तक पहुंचने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे, अन्यथा वे दिल्ली क्यों आना चाहेंगे? आप यहां से मंत्री भेज रहे हैं और उनके अच्छे इरादों के बावजूद उनमें आत्मविश्वास की कमी है।
पीठ ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर उचित निर्देश दिये जाएं. तब तक पार्टियों को शंभू सीमा पर स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए यथास्थिति बनाए रखने दें। शीर्ष अदालत हरियाणा सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें एक सप्ताह के भीतर अंबाला के पास शंभू सीमा पर बैरिकेड हटाने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी, जहां किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं।