राजेंद्रा पार्क थाना एरिया की धनकोट नहर में मिले युवक के Dead Body की गुत्थी को पुलिस ने महज 24 घंटे में सुलझा लिया है। युवक की हत्या उसकी प्रेमिका ने अपने पति के साथ मिलकर की थी और शव को कट्टे में बांधकर धनकोट नहर में फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपी दंपती को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, सोमवार को पुलिस को सूचना मिली कि धनकोट नहर में अज्ञात का शव धनकोट नहर जाल में अटका हुआ है।
सूचना मिलने पर पुलिस द्वारका एक्सप्रेस-वे सेक्टर- 99, नहर के पास पहुंची। पुलिस को मौके पर नहर सफाई कर्मचारी ने बताया कि वह सुबह नहर के टैलपानी जाल से कचरा निकाल रहा था। इस दौरान एक कट्टा जाल में रुका हुआ दिखाई दिया। उसने फावड़े से उसे हटाने का प्रयास किया तो कट्टा खुल गया जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति का शव था। पुलिस ने शव की शिनाख्त के प्रयास शुरू कर दिए। वहीं राजेन्द्रा पार्क थाना पुलिस ने हत्या का केस दर्ज करके पुलिस की सीन-ऑफ क्राइम, एफएसएल व फिंगरप्रिंट की पुलिस टीमों को घटनास्थल पर बुलवाकर निरीक्षण करवाया।
जिसके बाद सेक्टर-10 से एक युवक के गुमशुदा होने पर उसके परिजनों से शव की पहचान कराई गई तो मृतक के हाथ पर गुदे पीवीकेवाई टैटू से उसकी पहचान हो सकी। मृतक यूपी के फिरोजाबाद का 38 वर्षीय पुष्पेंद्र था, जो यहां एक कंपनी में काम करता था। मामले में फर्रुखनगर क्राइम ब्रांच के प्रभारी एसआई अमित कुमार की टीम ने कार्रवाई करते हुए वारदात को अंजाम देने वाले दंपती को सरस्वती एनक्लेव, गुरुग्राम से काबू कर लिया। आरोपितों की पहचान 30 वर्षीया नीलम व उसके पति यूपी के एटा निवासी 34 वर्षीय रामनिवास के रूप में हुई। जो गुरुग्राम के सरस्वती एनक्लेव में रहते हैं।
कंपनी में साथ काम करते थे महिला-प्रेमी, पति को पता चला तो बनाई योजना
आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि आरोपी रामनिवास ऑटो चलाने का काम करता है। जबकि उसकी पत्नी नीलम व पुष्पेन्द्र एक ही कम्पनी में काम करते थे। दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए थे। जब इस बाबत महिला के पति रामनिवास को पता चला तो उसने नीलम के साथ मिलकर पुष्पेन्द्र की हत्या करने की योजना बनाई।
योजनानुसार नीलम बीती 8 जून को पुष्पेन्द्र से कंपनी में मिली और उसे रात को 2 बजे अपने कमरे पर आने के लिए कहा। नीलम के कहे अनुसार पुष्पेन्द्र नीलम के कमरे पर पहुंच गया। जहां नीलम ने अपने पति रामनिवास के साथ मिलकर पुष्पेन्द्र के मुंह में कपड़ा डालकर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। वहीं हत्या करने के बाद इन्होंने शव को एक कट्टे में बांध दिया। इसके बाद रामनिवास शव को अपने ऑटो रिक्शा में रखकर ले गया और धनकोट नहर में फेंककर अपने कमरे पर वापस आ गया। पुलिस से बचने के लिए इन्होंने उसी दिन अपना किराए का कमरा भी बदल लिया था।