जिन हाथों से कभी बड़े अपराध हुए, अब वही हाथ शिक्षा के मंदिरों की सजावट करेंगे। क्योंकि अब सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स के बेंच और स्टाफ का furniture जेलों में बंद कैदियों के हाथों से तैयार हुआ खरीद जाएगा। इन बेंचों और अन्य फर्नीचर को राज्य के सभी सरकारी स्कूल अपने पास की जेलों से खरीदेंगे। यह हिदायतें पंजाब के शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखित तौर पर जारी की है। आदेश दिए हैं कि जेलों में कैदियों द्वारा किए गए बेंच और फर्नीचर की खरीद करें। राज्य में कुल 19,262 सरकारी स्कूल हैं। इनमें 12,880 प्राइमरी, 2670 मिडल, 1740 हाई और 1972 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। जहां पर लगभग 29 लाख स्टूडेंट्स शिक्षा ले रहे हैं। अब इन सभी स्कूलों को बेंच और फर्नीचर जेलों से खरीद करने की पहल होगी।
ऐसे होगी खरीद.. हर स्कूल में मैनेजमेंट कमेटी होती है। यह कमेटी स्कूल में जरूरत के अनुसार बेंचों और फर्नीचर की रिपोर्ट संबंधित शिक्षा दफ्तर को भेजेगी। जहां से रिपोर्ट को हेड ऑफिस भेजा जाएगा। इसके बाद मंजूरी मिलते ही जेलों से सामान की खरीद होगी। बेंचों और फर्नीचर का रेट पहले से एक ही तय होगा। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इस खरीद में कोई घोटाला नहीं होगा। न ही घटिया फर्नीचर मिलने की कोई शिकायत होगी। इससे पहले स्कूल से तीन अलग अलग कोटेशन भेजे जाते था। जो सामान बढ़िया और सस्ता लगे उस कोटेशन को पास किया जाता था और उसी आधार पर खरीद होती थी।
कैदियों का होगा पुनर्वास ….. पंजाब सरकार की यह पहल उस उद्देश्य का हिस्सा है, जिस तहत वह जेलों में बंद कैदियों का समाजीकरण और पुनर्वास करना चाहती है। सरकार का मानना है कि कैदियों को हुनर सिखा कर और उनको उत्पादक बना कर समाज की मुख्यधारा में वापस लाया जा सके। इस पहल से जहां कैदियों को रोजगार के मौके मिलेंगे, वहीं सरकार स्कूलों के लिए बेंच और फर्नीचर की खरीद पर होने पर वाले खर्च को भी घटा सकेगी।