भारत की एक पहलवान Sakshi Malik ने बबीता फोगट और तीर्थ राणा के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि सिर्फ़ इसलिए कि उन्हें विरोध करने की अनुमति दी गई, इसका मतलब यह नहीं है कि बृजभूषण शरण सिंह ने कुछ गलत नहीं किया। उनका मानना है कि बृजभूषण ने गलत काम किए और लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा था।
Sakshi Malik ने आजतक से बात करते हुए कहा कि यह अच्छा है कि बबीता ने बड़ा फ़ैसला लिया। उन्होंने कहा कि बबीता के प्रतिस्पर्धा करने के दौरान भी कुश्ती में समस्याएँ रही हैं। साक्षी को लगता है कि बबीता को विरोध में शामिल होना चाहिए था, और क्योंकि वह नहीं शामिल हुईं, तो ऐसा लगा कि कुछ ठीक नहीं है। बबीता ने कहा कि वह इसके बजाय सब कुछ ठीक करने में मदद करेंगी।
उन्होंने बताया कि उन्हें यह समझ में आने लगा कि दूसरा व्यक्ति किस तरह से अपनी मदद कर सकता है। दूसरा व्यक्ति भी एक पहलवान था, और उसे भी बाकी सभी की तरह बाहर बैठना पड़ा। उनके मन में इस बारे में सवाल उठने लगे। साक्षी ने कहा कि दूसरे व्यक्ति को पता था कि कुश्ती समूह में क्या चल रहा है, लेकिन उसने एक साक्षात्कार में जो कहा, उसका कोई मतलब नहीं था। उन्हें यह मूर्खतापूर्ण लगा क्योंकि ऐसा लगा कि इसमें बहुत सारी झूठ बातें हैं।
साक्षी मलिक ने कहा कि बहुत से लोगों ने हमारी मदद की। पहले तो हमें लगा कि हम तीन दिन में अपना विरोध प्रदर्शन बंद कर देंगे, लेकिन जब हालात नहीं बदले तो हमने फिर से विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया।
बबीता ने व्यंग्यात्मक लहजे में लिखा: “अपने व्यक्तित्व से चमको, उधार की रोशनी कब तक टिकेगी। किसी को संगठन मिला, किसी को पद। दीदी को कुछ नहीं मिला, हम आपका दर्द समझ सकते हैं। किताब बेचने के चक्कर में आपने अपनी ईमानदारी बेच दी।”