हरियाणा में चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और कुछ लोग सोच रहे हैं कि Rahul Gandhi की पार्टी कांग्रेस आखिर क्या गलत कर रही है। हरियाणा में हार राहुल गांधी के लिए बहुत बड़ी निराशा है। चुनाव के नतीजे आने के बाद उन्होंने लगभग पूरे दिन सोशल मीडिया पर कुछ भी नहीं कहा और न ही कुछ शेयर किया। आखिरकार, करीब एक दिन बाद उन्होंने एक्स नामक प्लेटफॉर्म पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे नतीजों की उम्मीद नहीं थी और लोगों के अधिकारों, निष्पक्षता और सच्चाई के लिए लड़ते रहने का वादा किया। हरियाणा में आए चौंकाने वाले चुनाव नतीजों पर राहुल गांधी की पैनी नजर है। उनका मानना है कि नतीजों को प्रभावित करने के लिए कुछ लोगों ने चालें चली होंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि वे चुनाव आयोग को अलग-अलग इलाकों से सुनी गई समस्याओं के बारे में बताएंगे। Rahul Gandhi ने सोशल मीडिया पर कुछ संदेश शेयर किए। सबसे पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनके समर्थन से पता चलता है कि देश के नियमों और लोकतंत्र के सम्मान की जीत हुई है। फिर उन्होंने हरियाणा के चुनाव नतीजों के बारे में बात की और कहा कि वे चौंकाने वाले थे और लोगों द्वारा बताई गई कुछ समस्याओं के बारे में वे चुनाव आयोग को बताएंगे। उन्होंने हरियाणा के लोगों के समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया और अपनी टीम को उनकी कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने निष्पक्षता के लिए लड़ते रहने और यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि सभी की आवाज़ सुनी जाए।
हरियाणा में वोटों की गिनती से पहले ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतने जा रही है। लेकिन जब उन्होंने परिणाम घोषित किए, तो पता चला कि कांग्रेस वास्तव में हार गई है। कई लोगों को लगता है कि उनकी हार का एक बड़ा कारण यह था कि पार्टी के सदस्य एक-दूसरे से सहमत नहीं थे। साथ ही, उन्होंने सीटों के बंटवारे के तरीके में भी गलती की। एक और गलती यह थी कि उन्होंने क्षेत्र के लोगों के विभिन्न समूहों को ध्यान में नहीं रखा। इन सभी चीजों की वजह से कांग्रेस चुनाव हार गई।
बीजेपी पार्टी ने चुनावों में 48 सीटें जीतीं, जिसका मतलब है कि वे लगातार तीसरी बार सत्ता में बने रहेंगे। कांग्रेस पार्टी ने 37 सीटें जीतीं। इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) नामक एक अन्य समूह को दो सीटें मिलीं, और कुछ स्वतंत्र उम्मीदवारों ने तीन सीटें जीतीं। दो अन्य पार्टियों, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और आप को कोई सीट नहीं मिली। भाजपा और कांग्रेस के वोटों की संख्या बहुत करीब थी, भाजपा को लगभग 40% वोट मिले और कांग्रेस को उससे थोड़ा कम, लगभग 39%।