Punjab के किसान अपनी मांगों को लेकर फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। दिसंबर में दो बार दिल्ली कूच की कोशिश करने के बाद शनिवार को किसानों ने तीसरी बार मार्च निकाला, लेकिन हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के चलते वे फिर असफल रहे। आंसू गैस और पानी की बौछारों ने किसानों को रोकने में अहम भूमिका निभाई।
डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत और भूख हड़ताल
20 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत चिंताजनक बनी हुई है। डॉक्टरों ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति को गंभीर बताया है और तत्काल इलाज की सिफारिश की है। साथ ही, उन्होंने सीलैंड हमले (सीवियर इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस) की आशंका भी जताई है।
डीजीपी की अपील और बातचीत के प्रयास
शनिवार को खनूरी बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल रहा। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने डल्लेवाल से मुलाकात की, उनके हालचाल जाने और उनसे भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की। डीजीपी के साथ डीआईजी मनदीप सिद्धू और एसएसपी नानक सिंह भी मौजूद थे।
डीजीपी यादव ने कहा, “हम किसानों को आश्वासन देना चाहते हैं कि उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार से बातचीत का रास्ता खुलेगा। हमने उनकी चिकित्सा सुविधा का भी प्रबंध किया है।”
किसानों की मांगें और गृह मंत्रालय का रुख
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने साफ कहा कि उनकी मांगों को सरकार के समक्ष रखा जाना चाहिए और समाधान निकाला जाना चाहिए।
गृह मंत्रालय के निदेशक मयंक मिश्रा ने किसानों से मुलाकात के बाद बयान दिया कि उनकी मांगों की सूची ले ली गई है। उन्होंने कहा, “हमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करना होगा और उसी के अनुरूप समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।”
दिल्ली मार्च में अड़चनें और किसानों का संकल्प
फरवरी से शंभू बॉर्डर पर बैठे किसान केंद्र सरकार से समाधान की उम्मीद लगाए हुए हैं। दिल्ली कूच की तीसरी असफल कोशिश के बावजूद, उनका कहना है कि वे अपनी मांगों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।
सरकार और किसानों के बीच गतिरोध का भविष्य
इस समय सरकार और किसानों के बीच समाधान की उम्मीद कम नजर आ रही है। हालांकि, बातचीत के प्रस्ताव ने एक बार फिर से संघर्ष खत्म होने की उम्मीद जगाई है। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, वे अपने आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।