Punjab सरकार की कड़ी कार्रवाई ,भ्रष्टाचार के प्रति कोई रियायत न बरतने की नीति को किया सख्ती से लागू। - Trends Topic

Punjab सरकार की कड़ी कार्रवाई ,भ्रष्टाचार के प्रति कोई रियायत न बरतने की नीति को किया सख्ती से लागू।

Punjab 5

पंजाब। मुख्यमंत्री भगवंत मान इन दिनों बेहद कड़े तेवर में नजर आ रहे हैं। पंजाब सरकार अब किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं है। चुनावी मोड में आने से पहले सीएम मान सरकार के तंत्र को दुरुस्त करने में जुटे हैं और साढ़े तीन करोड़ लोगों के कस्टोडियन के रूप में जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश कर रहे हैं।

सीएम भगवंत मान के कड़े रवैये से साफ संदेश मिल रहा है कि अब Punjab सरकार किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगी। यह बात उन्होंने अपने बयानों में भी कई बार स्पष्ट की है, जिसमें उन्होंने प्रदेशवासियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कसौटी पर खरा उतरने का संकल्प व्यक्त किया है। हालांकि, उनका यह कड़ा रुख विपक्षी दलों को फिर से सियासी हमले करने का मौका दे गया है।

बीते सोमवार को चंडीगढ़ में पंजाब भवन में किसानों के साथ बैठक के दौरान जब सीएम मान गुस्से में उठकर चले गए, तो यह घटना किसान जत्थेबंदियों के बीच उन्हें विवादों में डालने का कारण बन गई। इसके अलावा, किसानों को चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा डालने से रोकने के लिए उन्हें घरों में नजरबंद करने का कदम भी दर्शाता है कि मान सरकार अब किसी भी स्थिति में प्रदेश की कानून-व्यवस्था को किसी के हाथों में नहीं जाने देगी।

यहां तक कि राजस्व अधिकारियों द्वारा सामूहिक छुट्टी पर जाने पर भी सीएम मान ने कड़ा रुख अपनाया और छुट्टी पर गए तहसीलदारों की कुर्सी पर कानून गो और सीनियर सहायकों को बैठा दिया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी, तो क्लर्क और हेड मास्टरों को भी ड्यूटी पर लगाया जाएगा।

b577a969 1c46 4673 98d1 c5669fad4ebf

सरकारी तंत्र दुरुस्त करने में जुटे सीएम

मान सरकार के पहले कार्यकाल को अब तीन साल पूरे हो गए हैं। इस साल में मान सरकार पूरी तरह एक्शन मोड में नजर आएगी। सियासी विशेषज्ञों के अनुसार, 2027 के पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले, 2026 के मध्य कार्यकाल तक सरकार चुनावी मोड में चली जाएगी। ऐसे में यह साल सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

2026 के मध्य तक चुनावी मोड में जाने से पहले, मान सरकार कड़े कदम उठाते हुए सरकारी तंत्र को सुधारने में जुटी है। इसका उद्देश्य यह है कि जनता से किए गए वादों को पूरा कर, उनकी कसौटी पर खरा उतरते हुए, वह अपनी सियासी स्थिति को पहले से मजबूत कर सके।

सीएम के तेवर से आम जनता खुश, कुछ वर्गों के मन में बढ़ी हलचल

सीएम भगवंत मान के सख्त तेवरों से आम जनता पूरी तरह संतुष्ट नजर आ रही है। चाहे वह किसानों के चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाने से पहले सीएम मान की स्पष्ट चेतावनी हो, या फिर राजस्व अधिकारियों के सामूहिक छुट्टी पर जाने पर नीचले स्तर के कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपने का मामला।

प्रदेशवासियों को सीएम के इन कड़े फैसलों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि किसान आंदोलन और पक्के मोर्चे के चलते आम जनता, उद्योग, व्यापार और सेवाओं पर असर पड़ता है। ऐसे में सीएम के सख्त रवैये से जनता यह मानती है कि अधिकारों के लिए संवाद और बातचीत से समाधान निकालना चाहिए, न कि आम लोगों को परेशान करके।

713d1d6a 1b95 47dc a1ea 0e536a7b0c0e

कड़े तेवर से भी सरकार की छवि साफ

दिल्ली चुनाव के बाद भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है, तबादलों के माध्यम से प्रशासनिक बदलाव किए जा रहे हैं, और ड्रग्स के खात्मे के लिए तीन महीने में किए गए चौथे वचन को पूरा करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इन सभी प्रयासों से सरकार की छवि पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता, बल्कि विपक्षी दलों के मन में यह सवाल उठने लगे हैं कि वे किन मुद्दों को आधार बनाकर सरकार को घेर सकते हैं।

वहीं, विपक्ष भी पंजाब की मौजूदा आर्थिक स्थिति, तीन साल में ड्रग्स की समस्या का समाधान न कर पाने, महिलाओं को एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के वादे, अवैध खनन, भ्रष्टाचार और मंत्रियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाकर सत्ता पर कब्जा करने की कोशिशों में लगा हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *