Haryana में नगर निगम चुनाव: जनवरी में हो सकते हैं चुनाव, BJP ने तैयार की रणनीति

Haryana में नगर निगम चुनाव की घोषणा किसी भी समय हो सकती है। चुनाव की संभावित तारीखें जनवरी 2024 के लिए निर्धारित मानी जा रही हैं। राज्य में आठ नगर निगमों, चार नगर परिषदों और 22 नगर पालिकाओं के लिए चुनाव होने हैं। सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) ने चुनावी तैयारियों को लेकर कोर ग्रुप, छोटी टोली और विभिन्न प्रकोष्ठों के साथ बैठक कर रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है।

भाजपा का फोकस शहरी क्षेत्रों पर

पिछले निकाय चुनावों में अंबाला, पंचकूला और सोनीपत नगर निगम के नतीजों से भाजपा को सबक मिला है। केवल पंचकूला में भाजपा का मेयर चुना गया था, जबकि अन्य दो निगमों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। अब, तीसरी बार सरकार बनाने के बाद भाजपा ने शहरी क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।

विधायक और कार्यकर्ताओं को मिले खास निर्देश

भाजपा ने अपने विधायकों और मंत्रियों को दिसंबर से जनवरी तक शहरी क्षेत्रों में सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं।

  • शहरों में जल निकासी, सफाई और सड़कों की मरम्मत जैसे मुद्दों पर काम करने को कहा गया है।
  • विधायक दल की बैठक में संभावित प्रत्याशियों के नाम सुझाने को कहा गया।
  • भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को मैदान पर सक्रिय रहने और जनसंपर्क अभियान तेज करने का निर्देश दिया गया है।

पार्टी का सदस्यता अभियान और फीडबैक सिस्टम

भाजपा ने सदस्यता अभियान बड़े स्तर पर शुरू किया है।

  • विधायकों से कार्यकर्ताओं का फीडबैक लिया जा रहा है।
  • कोर ग्रुप की बैठकों में प्रत्याशियों के चयन पर चर्चा की जा रही है।
  • जमीनी स्तर पर अच्छा काम करने वाले कार्यकर्ताओं के नाम प्रस्तावित करने को कहा गया है।

चुनाव आयोग की तैयारी और सरकार की मंशा

हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने मई 2024 में निकाय चुनाव कराने को लेकर सरकार को पहले ही पत्र लिखा था। लेकिन विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखते हुए अब सरकार जल्दी चुनाव कराने के पक्ष में है।

मुख्यमंत्री का बयान

पंचकूला में कोर ग्रुप की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का संगठन मजबूत है और कार्यकर्ताओं ने पहले भी मेहनत की थी। इस बार भी सभी नेताओं और पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।

भाजपा के लिए चुनौती और अवसर

निकाय चुनाव भाजपा के लिए न केवल एक राजनीतिक चुनौती है, बल्कि शहरी मतदाताओं के बीच अपनी साख मजबूत करने का मौका भी है। शहरी विकास और जनकल्याण योजनाओं पर जोर देकर भाजपा इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करना चाहती है।

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