रेलवे की समस्याओं पर सरकार के खिलाफ बोले सांसद Raghav Chadha। - Trends Topic

रेलवे की समस्याओं पर सरकार के खिलाफ बोले सांसद Raghav Chadha।

Raghav Chadha

नई दिल्ली। रेलवे की स्थिति पर Raghav Chadha ने सरकार को घेरते हुए कहा कि रेलवे में सुविधाएं घटती जा रही हैं, जबकि किराया बढ़ता जा रहा है। वंदे भारत जैसी महंगी ट्रेनों में आम आदमी यात्रा नहीं कर सकता है। Raghav Chadha ने आरोप लगाते हुए कहा कि जनता से प्रीमियम किराया वसूला जा रहा है और वंदे भारत और बुलेट ट्रेन जैसी महंगी परियोजनाएं केवल अमीरों के लिए हैं। गरीबों को इनका कोई लाभ नहीं है।

उन्होंने रेलों की रफ्तार पर बात करते हुए कहा, दुनिया भर में ट्रेनों की स्पीड बढ़ती जा रही है, लेकिन भारतीय रेलवे की रफ्तार की रफ़्तार बढ़ने की बजाए घटती जा रही है। वंदे भारत की स्पीड घटा दी गई है ,जबकि किराया 2013-14 के 0.32 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़कर 2021-22 में 0.66 रुपये हो गया है, जो 107 फीसदी की वृद्धि है। वंदे भारत जैसी महंगी ट्रेनें खाली चल रही हैं क्योंकि आम आदमी इनका लाभ नहीं उठा पाते , अब रेल यात्रा भी अब आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही है।

सांसद Raghav Chadha ने कहा कि आम आदमी मजबूरी में ही रेलवे का रुख करता है, लेकिन रेल मंत्री को रेल से ज्यादा रील्स में दिलचस्पी है। यात्रियों की असल समस्याओं पर ध्यान देने की बजाए उनका ध्यान सोशल मीडिया पर है।

उन्होंने कहा, 3AC और 2AC को ‘लक्ज़री’ माना जाता था, लेकिन अब इनकी हालत जनरल डिब्बों से भी खराब हो गई है। टिकट लेने के बावजूद भी यात्रियों को सीट नहीं मिल पाती । ट्रेनों में भीड़ इतनी बढ़ गई है कि लोग आलू की बोरियों की तरह एक-दूसरे के उपर पड़े रहते हैं। प्लेटफॉर्म पर गंदगी, गंदा पानी, और खाने में कीड़े-मकोड़े आम शिकायतें बन चुकी हैं। पिछले दो वर्षों में स्वच्छता संबंधी शिकायतों में 500 फीसदी की वृद्धि हुई है।

टिकट बुकिंग पर बोलते हुए Raghav Chadha ने कहा, टिकट बुक करना भी मुश्किल हो गया है, जिससे लोग थर्ड-पार्टी ऐप्स का सहारा लेते हैं, जो भारी कमीशन वसूलते हैं। टिकट कैंसिल करने पर भी यात्रियों से भारी शुल्क वसूला जाता है। इसके अलावा स्टेशन पर मिलने वाला खाना भी महंगा हो चुका है। बिसलेरी की जगह नकली पानी बेचा जा रहा है और खाने में घटिया किस्म की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने सरकार से सवाल किया कि 140 करोड़ लोगों में से कितने लोग बुलेट ट्रेन और वंदे भारत जैसी महंगी ट्रेनों में यात्रा कर सकते हैं? अगर 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन देना पड़ता है, तो वही लोग 2,000-3,000 रुपये के टिकट कैसे खरीद पाएंगे ? जिनकी महीने भर की कमाई ही मात्र 8,000-10,000 रुपये है।

रेलवे बुजुर्गों को फिर से दे सब्सिडी

सांसद Raghav Chadha ने कहा कि देश को कुछ बुलेट ट्रेनों की नहीं, बल्कि हजारों किफायती सामान्य ट्रेनों की जरूरत है। महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में लोग सस्ती यात्रा की ओर ज्यादा रूझान रखते है। 2020 में रेलवे ने बुजुर्गों की यात्रा सब्सिडी बंद कर दी थी, जिससे 150 मिलियन सीनियर सिटिजंस प्रभावित हुए। Raghav Chadha ने सवाल उठाया कि क्या हमारी रेलवे अब इतनी निर्मम हो गई है कि बुजुर्गों की सूखी हड्डियों को निचोड़कर पैसा कमाना पड़ रहा है? उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा की बुजुर्गों की सब्सिडी को फिर से शुरू किया जाए, ताकि वे अपने जीवन के आखिरी वर्षों में सम्मानपूर्वक यात्रा कर सकें।

सांसद Raghav Chadha ने रेल हादसों पर सवाल उठाते हुए कहा, की हमारे रेल मंत्री को रेलवे और जनता की सुरक्षा की कोई फिक्र नहीं है। रेल मंत्री ‘कवच सिस्टम’ की बात करते हैं, मगर हर हफ्ते कोई न कोई रेल दुर्घटना हो जाती है। पहले भारतीय रेलवे को सुरक्षित यात्रा का पर्याय माना जाता था, लेकिन आज कोई गारंटी नहीं है कि आप जहां जाना चाहते हैं वहां सुरक्षित पहुंच भी पाएंगे या नहीं । पिछले 5 वर्षों में 200 से अधिक रेल दुर्घटनाओं में 351 लोगों की जान गई और 1000 से अधिक लोग घायल हुए। इसके अलावा बालासोर रेल दुर्घटना में 293 लोग मारे गए और 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए, लेकिन जांच और कार्रवाई के नाम पर कोई कदम नहीं उठाया गया।

रेल सुरक्षा के नाम पर जो टैक्स आम आदमी से वसूला जाता है, उसका उपयोग सुरक्षा संसाधन बढ़ाने में नहीं बल्कि बड़े अधिकारियों के लिए लक्जरी सोफे और फुट मसाजर खरीदने में किया जा रहा है।

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