दिल्ली में गर्मी की छुट्टियों के बाद सोमवार को फिर से दिल्ली के स्कूल 51 दिन बाद खुल गए। Schools के खुलने से आज स्कूलों में रौनक देखने को मिली। कई Schools में शिक्षकों ने छात्रों का उपहार व गुलदस्ते देकर स्वागत किया। इसके साथ स्कूलों में बच्चों के लिए जनरल असेंबली की व्यवस्था की गई है। वहीं गर्मी के छुट्टियों के बाद राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा को लागू करने के लिए टीचर्स को प्रशिक्षित किया गया है।
इसके साथ स्कूल खुलने के बाद स्कूल प्रशासन और पुलिस ने स्कूलों में बम की अफवाह के मद्देनजर आपात संदेश प्रणाली को आधुनिक बनाया गया है जिससे बम या आपात कालीन किसी घटना की सूचना अभिभावकों को तुरंत मिल सके। इसके अलावा स्कूलों में बम जैसे हालात से निपटने के लिए सुरक्षा को ध्यान में रखकर पुलिस अधिकारियों ने मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया। सुरक्षा व्यवस्था में स्कूल में आने वाले लोगों की मेटल डिटेक्टर से जांच होगी। सुरक्षाकर्मियों के लिए कार्यशाला आयोजित की है। विद्यालय परिसर में रंगाई-पुताई का कार्य भी कराया है। छात्रों के बैठने के लिए नए भी व्यवस्था की गई है।
पहले दिन बच्चों के साथ टीचर भी थे उत्साहित…
मथुरा रोड स्थित एक प्राइवेट स्कूल के टीचर अमित मिश्रा ने बताया बच्चों के स्कूल आने को लेकर के स्कूल के ज्यादातर टीचर काफी उत्साहित हैं। साथ ही पहले दिन बच्चों के स्कूल आने पर सभी कक्षाओं का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को देखा जा रहा था। सभी कक्षा में बच्चों के लिए व्यवस्था ठीक रहे इस पर विशेष ध्यान दिया गया है।
छुट्टियों में स्मार्ट क्लास की सुविधाओं को किया उन्नत…
राजकीय विद्यालय प्रधानाचार्य संघ के महासचिव पीडी शर्मा ने बताया स्कूलों में छुट्टियों में कक्षाओं में स्मार्ट क्लास की सुविधाओं और प्रयोगशालाओं को उन्नत किया है। इसके साथ ही सुरक्षित स्कूल परिसर के लिए सभी उचित कदम उठाए गए हैं। छुट्टियों के दौरान छात्रों और उनके अभिभावकों की काउंसलिंग की गई। मयूर विहार फेज तीन स्थित विद्या बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. सतवीर शर्मा ने बताया एक जुलाई से स्कूल खुल रहे हैं। स्कूल में बच्चों के लिए सामान्य सभा की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा को लागू करने के लिए टीचर्स को प्रशिक्षित किया है। सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाया है।
स्कूलों ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी…
एक जुलाई से स्कूल खोलने के लिए स्कूलों की ओर से दो-तीन दिन पहले से ही तैयारी शुरू कर दी गई थी। स्कूल और फर्नीचर की साफ सफाई से लेकर सभी स्कूल बस और उनके ड्राइवर को भी तैयारी करने के लिए सूचित कर दिया गया था। सोमवार पहला दिन होने के चलते स्कूलों में बच्चों से बातचीत करके उनको पूरे साल मेहनत करके पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अलावा बच्चे जब एक महीने की छुट्टियां बिताकर स्कूल लौटते हैं तो फिर उनको वापस स्कूल के माहौल में ढलने में थोड़ा सा समय लगता है, ज्यादातर टीचरों ने पहले दिन बच्चों से छुट्टियां में क्या क्या किया यह पूछ कर अपने अनुभव साझा किए
दिल्ली के हर स्कूल में 10 दिनों में होगी मॉक ड्रिल…
स्कूलों में बम की अफवाह के मद्देनजर आपात संदेश प्रणाली को आधुनिक बनाया है। इसके अतिरिक्त अब स्कूलों में सुरक्षा को देखते हुए हर दस दिन में मॉक ड्रिल कराई जाएगी। छात्रों को आपात स्थिति में बाहर निकलने के लिए सुरक्षित निकासी को लेकर भी प्लान तैयार किया गया है।