Lisa Sthalekar: पुणे महाराष्ट्र के अनाथालय की लैला बन गई आस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम की कप्तान Lisa Sthalekar के जीवन की कहानी
Lisa Sthalekar
लीसा स्टालेकर आस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम की कप्तान थी उन्होंने 2013 में सन्यास ले लिया है लेकिन जानने वाली बात यह है की लिसा भारत की हैं और उनके बचपन का नाम लैला था
दरअसल आपको जनके आश्चर्य होगा लीसा (लैला) को 13 अगस्त 1979 के दिन महाराष्ट्र के पुणे शहर के श्रीवास्तव अनाथालय के सामने से पाया गया था लैला के माता पिता ने उसे पैदा होने के बाद अनाथालय के सामने छोडके चले गए थे
उस बच्ची को अनाथालय में शरण मिली और उसका नाम लैला रखा गया उसी दौरान मिशिगन के रहने वाले भारतीय मूल के डॉ. हरेन और उनकी पत्नी सू का भारत आना हुआ उनकी एक बच्ची थी और वे एक बेटा गोद लेना चाहते थे इसी उद्देश्य से यह दम्म्पति श्रीवास्तव अनाथालय आया हुआ था वहाँ उनको लड़का तो नहीं मिला लेकिन उनकी नज़र लैला पर पड़ी और उन्होंने इस प्यारी सी बच्ची को गोद लेना तय किया
बच्ची को क़ानूनी प्रक्रिया पूरी करके गोद लिया गया और वे वापिस मिशिगन आ गए इसके बाद उनका परिवार सिडनी आस्ट्रेलिया में सिफ्ट हो गया और वहीँ बस गया यहाँ से शुरू होती है लैला के जीवन की कहानी
लैला का नाम उसके नए माता पिता ने लीसा रख दिया और उसके पिता ने बचपन से क्रिकेट सिखाना शुरू किया लीसा का भी क्रिकेट के प्रति उत्साह बढ़ता गया और पढाई पूरी करने के बाद लीसा को आस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम में खेलने का मौका मिला लीसा ने भी इस मौके का फायदा उठाया और वे आस्ट्रेलिया टीम का हिस्सा बन गईं
2001 में लीसा ने आस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम की ओर से पहला एक दिवसीय मैच खेला था, इसके बाद 2003 में उन्हें आस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम से टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला और 2005 में उन्होंने आस्ट्रेलिया टीम की ओर से पहला T20 मैच खेला, लीसा एक आलराउंडर के रूप में खेलती थीं
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Lisa Sthalekar Cricket Records
लीसा ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान काफी अच्छा प्रदर्शन किया है वे एक आलराउंडर खिलाड़ी थीं
मैच, फोर्मेट | रन | विकेट |
8, टेस्ट | 416 | 23 |
125, वनडे | 2728 | 146 |
54, T20 | 729 | 60 |
- लीसा वनडे क्रिकेट में 1000 रन बनाने वाली और 100 विकेट लेने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनीं
- जब ICC के द्वारा रेंकिंग प्रणाली शुरू हुई तब वे महिला क्रिकेट जगत की आलराउंडर के रूप में पहले नंबर पर थीं
- उन्होंने एक दिवसीय और T20 फोर्मेट को मिलाकर 4 विश्वकप में हिस्सा लिया है
- 2013 विश्वकप जीतने के बाद लीसा ने क्रिकेट से सन्यास ले लिया
Lisa Sthalekar Came to India
Going back to my orphanage (SHREEVATSA run by @SofoshPune) is always an emotional 🥹 Always feel so welcomed by all & amazing to see so many of the staff I met 12 years ago. #grateful 🙏🏽 pic.twitter.com/eyAtPWFF0B
— Lisa Sthalekar (@sthalekar93) July 7, 2022
अच्छी बात यह है की वे भारत आती रहती हैं और पुणे के श्रीवास्तव अनाथालय को अपना घर मानती हैं पिछली बार लीसा 2022 में भारत आई थी जिसका उन्होंने ट्विट कर जिक्र भी किया था, लीसा ने ट्विट में लिखा (हिंदी अनुवाद) ‘अपने अनाथालय में वापस आना हमेशा इमोशनल होता है. सभी ने बहुत स्वागत किया. 12 साल पहले जिन स्टाफ को देखा था, उनमें से बहुत सारे स्टाफ से दोबारा मिलकर बहुत खुस हूँ
We Should Learn from Lisa Sthalekar’s Life
लीसा का जीवन हमें सीख देता है की बेटियों को सही शिक्षा मिल जाए तो वे हर एक मंजिल को छू सकती हैं, जिस घटना से एक लड़की लैला से लीसा बन गई यह खूबसूरत है लेकिन एक पहलु यह भी है की कैसे होते हैं वे लोग जो नन्हे बच्चों को लावारिस की तरह छोड कर चले जाते हैं