लुधियाना। पिछले लगभग 15 वर्षों से Punjab के फर्द केंद्रों में कार्यरत कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से अपील की है कि उन्हें बेरोजगारी से बचाने के लिए कदम उठाए जाएं। इस संबंध में फर्द केंद्र कर्मचारियों की एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें ओंकार सिंह, अमनदीप, राजबिंदर, हरमिंदरजीत सिंह, सतिंदर कौर, बलजिंदर कौर, और हरप्रीत कौर ने कहा कि 2007 में Punjab में जमीनी रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने के प्रोजेक्ट के तहत वे लोग फर्द केंद्रों से जुड़े हुए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत लगभग 900 कर्मचारियों ने पिछले 15 वर्षों से अधिक समय से काम किया है, जिन्होंने जमीन का रिकॉर्ड ऑनलाइन डालने के लिए कठिन परिश्रम किया। इसके अलावा, हर साल जमाबंदी प्रक्रिया के दौरान वे शनिवार और रविवार को भी अपनी ड्यूटी निभाते हैं।
लॉकडाउन के दौरान या चुनावों के समय, ये कर्मचारी हमेशा प्रशासन और सरकार की रीढ़ बनकर काम करते हैं, जबकि उनकी तनख्वाह बहुत कम है, जिससे उनका परिवार चलाना भी कठिन हो रहा है। अधिकांश कर्मचारियों की सरकारी नौकरी के लिए उम्र अब पार हो चुकी है और वे एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं, जहां उनके सामने कोई स्पष्ट रास्ता नहीं बचा है।

अब उन्हें पता चला है कि इतने वर्षों की सेवा के बाद अब सरकार फर्द केन्द्रों पर तैनात स्टाफ को घर भेजने की तैयारी कर रही है, इसलिए वे मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि वो उन्हें बेरोजगार होने से बचाएं, क्योंकि अगर इस उम्र में उन्हें निकाला जाता है तो उनके पास आगे कोई विकल्प नहीं बचता है जबकि सरकार चाहे तो उन्हें बेरोजगार होने से बचा सकती है।
दो माह से नहीं मिली तनख्वाह। एक तरफ तो जहां सरकार फर्द केन्द्रों के स्टाफ को घर भेजने की तैयारी कर रही है वहीं दूसरी तरफ इन कर्मचारियों को पिछले दो माह से तनख्वाह तक नहीं दी गई है, आर्थिक और मानसिक तौर पर परेशान कर्मचारियों को अब मुख्यमंत्री ही आखिरी उम्मीद नजर आ रहे है।