पंजाब। सुप्रीम कोर्ट ने 2024 के नगरपालिका चुनावों में नामांकन दाखिल करने के अवसर से वंचित किए जाने के बारे में उम्मीदवारों की शिकायतों की जांच का आदेश दिया है। जांच के लिए Punjab एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश निर्मलजीत कौर को नियुक्त किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन.कोटीश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि जस्टिस निर्मलजीत कौर को यह काम प्राथमिकता के आधार पर दैनिक आधार पर करना होगा और जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करनी होगी। हालाँकि, अदालत ने मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की।
याचिकाकर्ताओं में विभिन्न राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के सदस्य शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े लोगों, पुलिस अधिकारियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें नामांकन पत्र दाखिल करने से रोका। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके साथ मारपीट की गई, उनके कपड़े फाड़ दिए गए और उनके नामांकन पत्र छीन लिए गए।

यह आदेश 2024 के नगरपालिका चुनावों के संबंध में Punjab और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसलों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के बाद आया है, जिसमें चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है । याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि कई उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोका गया, जिसके कारण वे चुनाव में भाग नहीं ले सके।
पीठ ने कहा कि दोनों पक्ष निष्पक्ष जांच के लिए निर्धारित प्रक्रिया से आगे बढ़कर तथ्यान्वेषी आयोग गठित करने पर सहमत हो गए हैं, लेकिन यह केवल उन मामलों तक सीमित होगा जो पहले से ही न्यायालय में विचाराधीन हैं। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि केवल वे लोग अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे जिन्होंने पहले ही उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
इस मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला कई विवादास्पद तथ्यों से जुड़ा हुआ है, जिन पर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट अपने अधिकार क्षेत्र में निर्णय नहीं ले सकते। इसलिए निष्पक्ष जांच आयोग की नियुक्ति जरूरी थी, ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और निर्वाचित नगर निकायों का कार्य सुचारू रूप से चलता रहे।