पंजाब सरकार द्वारा बनाई जा रही कृषि नीति को लेकर आज उगराहां संगठन और पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़िया और अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण Meeting हुई. इस Meeting के दौरान किसानों ने सरकार के सामने कुछ सुझाव रखे हैं |
किसान नेता जुगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि हमने पंजाब सरकार के सामने अपने सुझाव रख दिए हैं, अगला फैसला सरकार को लेना है. उन्होंने कहा कि पहले मांगों को मनवाने के लिए संघर्ष करना होगा और फिर उन्हें लागू कराने के लिए. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि खेतिहर मजदूरों को कर्ज से मुक्ति दिलाई जाये. ऋण के एवज में की गई जमीन व मकान की कुर्की निरस्त की जाए। तुरंत कंपनियों के मुनाफ़े पर नियंत्रण किया जाना चाहिए और वस्तुओं की क़ीमतों को सरकारी नियंत्रण में लाया जाना चाहिए। बड़े जमींदारों और साहूकारों पर प्रत्यक्ष कर लगाया जाना चाहिए।
किसानों के साथ Meeting के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुरमीत सिंह खुड़ियां ने कहा कि किसान नेताओं के साथ उनकी बातचीत अच्छे माहौल में हुई, जिसमें कृषि नीति से जुड़े सुझावों और विचारों पर विस्तार से चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर के बाद पंचायत चुनाव के बाद और सुझावों पर चर्चा की जाएगी ताकि कृषि नीति को अंतिम रूप दिया जा सके |
किसान नेता के सुझाव
धान का रकबा कम करने के सुझाव के साथ ही किसानों को आर्थिक मदद भी दी जानी चाहिए।
किसानों और मजदूरों को 58 वर्ष की आयु पर 10,000 रुपये की निश्चित मासिक पेंशन दी जाए।
किसानों की फसलों में किसानों की मध्यस्थता खत्म की जाए और सरकार सीधे किसानों से फसल खरीदे।
मनरेगा के तहत परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को साल भर काम दिया जाना चाहिए।
कृषि में लागू की गई कोई भी अनावश्यक मशीनरी, जिसने कृषि श्रमिकों को विस्थापित किया है, को समाप्त किया जाना चाहिए।