पंजाब एवं हरियाणा High Court ने नगर निगम और नगर परिषद चुनाव में देरी को लेकर पंजाब सरकार को फटकार लगाई है और सरकार से 14 अक्टूबर तक पूरा चुनाव कार्यक्रम हाई कोर्ट में पेश करने को कहा है. अगर सरकार इसमें विफल रहती है तो हाई कोर्ट आदेश जारी करेगा.सोमवार को मालेरकोटला निवासी बयात सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब के महाधिवक्ता ने कहा कि नगर निगमों के वार्ड बंद करने के मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार की अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है|
इस पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल ने सरकार से सवाल किया कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है तो सरकार कार्यकाल खत्म होने के बावजूद चुनाव क्यों नहीं करा रही है|
कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई पर सरकार कोर्ट को बताए कि चुनाव में देरी क्यों हुई और चुनाव कब होंगे. कोर्ट ने पंजाब सरकार को 14 अक्टूबर तक इन चुनावों का पूरा शेड्यूल हाई कोर्ट में पेश करने का आखिरी मौका दिया है. यह भी कहा गया है कि अगर सरकार इसमें विफल रहती है तो कोर्ट खुद आदेश जारी करेगा|
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि पंजाब की 42 नगर परिषदों का कार्यकाल कई महीने पहले ही खत्म हो चुका है, कुछ का दो साल से ज्यादा समय हो चुका है. इसके चलते सभी विकास कार्य ठप पड़े हैं। इसलिए वे सरकार को चुनाव कराने का निर्देश देने के लिए कोर्ट पहुंचे|