हरियाणा।15वीं विधानसभा का बजट सत्र 28 मार्च तक जारी रहेगा। अब बजट होली के बाद 17 मार्च को पेश किया जाएगा, जबकि पहले इसे 13 मार्च को होली से पहले पेश किया जाना था। Haryana के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सरकार का बजट सत्र शुक्रवार, 7 मार्च से शुरू हो रहा है। इस सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी, जिसमें राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय हरियाणा सरकार का रोडमैप प्रस्तुत करेंगे।
सदन में 15वीं विधानसभा का बजट सत्र 28 मार्च तक चलेगा, और अब बजट को होली के बाद 17 मार्च को पेश किया जाएगा। यह बदलाव विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक में गुरुवार को किया गया। बजट सत्र को लेकर सत्ता और विपक्ष दोनों ने अपनी-अपनी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। विपक्ष सरकार को पेपर लीक, पीपीपी, कानून व्यवस्था, अवैध खनन, नशा, और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर घेरने की योजना बना रहा है। वहीं, सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के सवालों का मजबूती से जवाब देने के लिए तैयारियां की हैं। ऐसे में इस बजट सत्र के हंगामेदार होने की संभावना जताई जा रही है।
Haryana की सैनी सरकार का यह पहला बजट सत्र है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जानकारी दी कि बीएसी की बैठक में यह तय किया गया है कि बजट सत्र 28 मार्च तक चलेगा। यदि आवश्यक हुआ, तो इसे और बढ़ाया जा सकता है। वहीं, विधानसभा की ओर से बताया गया कि फिलहाल सत्र 25 मार्च तक निर्धारित किया गया है, लेकिन इसे बढ़ाने के लिए सिफारिश की गई है, जिसका अंतिम निर्णय सदन में लिया जाएगा।
मार्च के आखिरी हफ्ते तक चलने वाले इस बजट सत्र में सरकार जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने की योजना बना रही है। इनमें सबसे अहम बिल Haryana के लोगों को अवैध तरीके से विदेश भेजने वाले ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने वाला बिल होगा, जिसे Haryana सरकार फिर से पेश करने जा रही है। इस बिल को पिछले साल पेश किया गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने आपत्ति जताकर इसे वापस कर दिया था। अब इसमें संशोधन कर इसे फिर से बजट सत्र में पेश किया जाएगा।
इसके अलावा, नकली बीज बेचने वाली कंपनियों और डीलरों पर कार्रवाई करने के लिए भी सरकार एक बिल पेश कर सकती है। हालांकि, वर्तमान में कोई भी बिल विधानसभा में पेश होने के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है।
विपक्ष ने इन मुद्दों पर की रणनीति तैयार।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस इस सत्र में पेपर लीक, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में एक के बाद एक परीक्षा पत्र लीक हो रहे हैं, जिससे सरकार की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं। खनन और एमबीबीएस परीक्षा के घोटाले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा, किसानों की फसलों को भारी बारिश से हुए नुकसान, बिगड़ती कानून-व्यवस्था और बढ़ते कर्ज जैसे मुद्दों को भी कांग्रेस द्वारा उठाया जाएगा। वहीं, इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने कहा कि वह नशा और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे।
सीएम करेंगे जवाब, करेंगे बड़ी घोषणाओं का एलान।
वहीं, विपक्ष का जवाब देने के लिए Haryana सरकार ने अपनी तैयारी को मजबूत किया है। सत्ता पक्ष की ओर से विपक्ष के सवालों का जवाब देने की कमान खुद मुख्यमंत्री संभालेंगे। पिछले कुछ दिनों से वह विपक्ष के आरोपों का जवाब तंज के साथ दे रहे हैं और विधानसभा सत्र के दौरान उनकी यही कार्यशैली देखने को मिल सकती है। बजट सत्र के दौरान वह कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकते हैं। बजट में वह लक्ष्मी लाडो योजना का प्रावधान करने का ऐलान कर सकते हैं, साथ ही सीईटी की तारीखों की घोषणा भी की जा सकती है, जो नौजवानों के लिए एक बड़ी घोषणा होगी।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता पर नहीं हो सका फैसला।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक गुरुवार को आयोजित हुई, लेकिन इस बैठक में विधायक दल के नेता के चयन पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। पंद्रहवीं विधानसभा का सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है, और कांग्रेस बिना विधायक दल के नेता के सदन में जाएगी, जिससे पार्टी विधायकों के मनोबल पर असर पड़ सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस पर कहा कि विधायक दल पहले ही एक प्रस्ताव पारित कर चुका है, जिसमें केंद्रीय नेतृत्व को विपक्ष के नेता का चयन करने का अधिकार दिया गया है। अब यह निर्णय शीर्ष नेतृत्व को लेना है। कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने गुरुवार को पार्टी नेताओं के साथ बैठक की थी। बैठक के दौरान विधायकों ने यह राय व्यक्त की कि सदन में विधायक दल का नेता होना आवश्यक है, ताकि विपक्षी विधायक अपने मुद्दों को प्रमुखता से उठा सकें। बैठक के बाद बीके हरिप्रसाद ने बताया कि ऑब्जर्वरों ने अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंप दी है और अब यह फैसला शीर्ष नेतृत्व को लेना है। विधायक दल के नेता का चयन न होने की वजह से शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने विधायकों की बैठक की। इस बैठक में विधायक चंद्र मोहन बिश्नोई, मामन खान, विनेश फोगाट, मंजू चौधरी, निर्मल सिंह और विकास सहारण उपस्थित नहीं थे।
सत्र में कांग्रेस पड़ सकती है कमजोर।
विधायक दल का नेता नहीं होने की वजह से इसका विधायकों पर असर पड़ना तय है। कांग्रेस कई मुद्दों को लेकर सैनी सरकार को घेरना चाहती है। मगर पार्टी के पास विधायक दल का नेता नहीं होने की वजह से इसका असर कांग्रेस विधायकों के मनोबल पर पड़ेगा। प्रभारी बीके हरिप्रसाद के साथ हुई विधायकों ने इसलिए विधायक दल का नेता चुने जाने की बात कही थी। विधानसभा सत्र के दौरान इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष भी सवाल खड़े करेगी।