Haryana विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं परीक्षाएं हुई समाप्त, नकल के 599 मामले दर्ज।

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भिवानी। Haryana विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं शनिवार को समाप्त हो गई। इन । इन परीक्षाओं में कुल 599 नकल के के मामले दर्ज किए गए तथा कुल 16 एफ.आई.आर. में 135 लोगों पर मामले दर्ज किए गए।यह बात Haryana विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन ड पवन कुमार व सचिव डॉ. मुनीष नागपाल ने परीक्षाएं समाप्ति के बाद पत्रकारों से बोर्ड परिसर में बातचीत करते हुए कही।

उन्होंने बताया कि 2 अप्रैल से 10वीं कक्षा तथा 4 अप्रैल से 12वीं कक्षा के प्रश्रपत्रों का मूल्यांकन शुरू हो जाएगा जो 24 अप्रैल तक चलेगा तथा तथा समय पर परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। पत्रकार वार्ता के दौरान बोर्ड चेयरमैन व सचिव ने बताया कि इन परीक्षाओं में 5 लाख 16 हजार परीक्षार्थियों ने 1433 परीक्षा पत्रकारों से बात करते हुए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. पवन कुमार व सचिव डॉ. मुनीष नागपाल।

अब इन परीक्षाओं के मूल्यांकन के कुल 126 सेंटर बनाए गए हैं तथा 10वीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए 78 तथा 12वीं कक्षा के लिए 48 परीक्षा केंद्र बनाए गए। ए गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 4 सालों की तुलना में वर्ष 2025 की 10वीं व 12वीं की वार्षिक परीक्षा में सबसे कम 599 मामले दर्ज किए गए। जबकि वर्ष 2024 में 918, वर्ष 2023 में 1813 वर्ष 2022 में 3570 मामले नकल के दर्ज किए गए थे।

परीक्षा केंद्रों के संदर्भ में, 2025 की परीक्षाओं में 10 परीक्षा केंद्रों को रद्द करना पड़ा, जबकि 2024 में 29, 2023 में 40, और 2022 में 64 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षाएं रद्द हुई थीं। इस बार 2025 में सबसे कम 10 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी, जो प्रदेश में नकल के मामलों में कमी को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि क्यूआर कोड, अल्फान्यूमैरिक कोड और ऑनलाइन मॉनिटरिंग जैसी तकनीकों ने नकल में काफी कमी लाई है।

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बोर्ड के चेयरमैन डा. पवन कुमार और सचिव डा. मुनीष नागपाल ने बताया कि 10वीं के गणित के पेपर में प्रश्न पत्र में बाहर से प्रश्न आने को लेकर एक जांच समिति का गठन किया गया है, जिसकी जांच अभी पूरी नहीं हुई है। जांच पूरी होने के बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि 10वीं के गणित के पेपर में ग्रेस मार्क्स दिए जाएं या नहीं।

बोर्ड के चेयरमैन डा. पवन कुमार ने यह भी बताया कि इस बार प्रश्न पत्रों का मूल्यांकन ऑनलाइन माध्यम से नहीं किया जाएगा, बल्कि ऑफलाइन उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जाएगी।

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