Haryana को मिला नया राज्य गीत, सदन में गूंजा जय-जय-जय Haryana .

Haryana 52

चंडीगढ़। Haryana को आधिकारिक रूप से अपना राज्य गीत मिल गया है। हरियाणा राज्य गीत चयन समिति के चेयरपर्सन लक्ष्मण सिंह यादव ने शुक्रवार को सदन में समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे सदन ने सर्वसम्मति जताते हुए ध्वनिमत से स्वीकृत कर लिया। इस मौके पर सदन में ‘जय-जय-जय हरियाणा’ गीत को सुनाया भी गया, जिसकी सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी जमकर सराहना की।

गीत स्वीकृत होने के मौके पर विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने सभी प्रदेश वासियों को बधाई देते हुए इसके गायन के मापदंड तय करने के लिए विधान सभा की कमेटी बनाने की भी घोषणा की। समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करते समय समिति के चेयरपर्सन लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि समिति को प्राप्त सभी गीतों पर गहन विचार विमर्श करने के बाद इस गीत का चयन किया है।

समिति ने गीत की विषय वस्तु को Haryana के गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, भौगोलिक संरचना और प्रदेश की विकास यात्रा के संदर्भ में परखने का प्रयास किया। इस दौरान गीत को अर्थ, भाव और लय इत्यादि संगीत की कसौटियों पर परखा गया। गीत से बनने वाले सुखद वातावरण व प्रदेश तथा प्रदेश से बाहर इसकी उपयोगिता का आंकलन किया गया। समिति ने इस बात का विशेष ख्याल रखा है कि गीत हरियाणवी बोली के गायकों के लिए भी सहज रहे, वहीं यह गीत राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी प्रभावी हो।

गीत में Haryana के इतिहास को संजोये वैदिक काल की भाषा संस्कृत, हिन्दी और वर्तमान बोली हरियाणवी के शब्दों का संतुलित, तर्कसंगत व समन्वयपूर्ण प्रयोग किया है। संस्कृत भाषा में यहां के आतिथ्य और सेवा भाव जैसी विशेषताओं को लिपिबद्ध किया गया है। समिति ने राज्यगीत में प्रदेश की उत्सवधर्मी संस्कृति और हरियाणवियों की सादगी जैसी मूल विशेषताओं को इंगित करने का प्रयास किया है। इसमें प्रदेशवासियों के आपसी भाईचारे, शिक्षा और व्यापार का भी विशेष तौर पर वर्णन है।

गीत में हरियाणवी लोक जीवन को काव्यात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया है, साथ ही प्रदेश के गौरव को बढ़ावा देते हुए किसानों, वीर-सैनिकों और खिलाड़ियों के योगदान को प्रमुखता से उजागर किया गया है। समिति का मानना है कि यह गीत न केवल प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को सुदृढ़ करेगा, बल्कि प्रदेश के प्रत्येक कोने में व्याप्त राष्ट्रीय गौरव की भावना को भी प्रगाढ़ बनाएगा।

इस समिति की अध्यक्षता विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने की, जबकि विधायक गीता भुक्कल, विनोद भ्याना, बलवान सिंह दौलतपुरिया और आदित्य देवीलाल सदस्य के रूप में शामिल थे। 14वीं विधानसभा के दौरान विधायक जोगी राम सिहाग, नीरज शर्मा और बिशम्बर सिंह भी समिति के सदस्य रहे।

विधानसभा के प्रभारी सचिव डॉ. सतीश कुमार और मीडिया एवं संचार अधिकारी दिनेश कुमार समिति के अधिकारी थे। समिति द्वारा अनुशंसित इस गीत को डॉ. बाल किशन शर्मा ने लिखा है, डॉ. श्याम शर्मा ने गाया है, पारस चोपड़ा ने संगीतबद्ध किया है, और सुश्री मालविका पंडित ने इसका निर्देशन किया है। लोक कला विशेषज्ञ पद्मश्री महावीर सिंह गुड्‌डू विशेष रूप से समिति की बैठकों में शामिल रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version