सावन माह में मनाया जाता है। आज Abohar के भाग सिंह खालसा कॉलेज फॉर वुमेन में ‘धीयां की तीयां’ मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्राओं ने मेले का प्रदर्शन किया। महोत्सव में युवतियों ने पंजाबी पोशाक में पंजाब की समृद्ध विरासत और संस्कृति का प्रदर्शन किया। युवतियों ने युवा पीढ़ी से विरासत से जुड़ने और उसे बचाने की अपील की।
आज की पीढ़ी को सावन के महीने में लगने वाले लगन त्यौहार और पंजाबी संस्कृति और विरासत में इसके महत्व के बारे में बताने और उन्हें अपनी विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से भाग सिंह खालसा कॉलेज में “बेटियों का त्यौहार” का आयोजन किया गया। महिला, अबोहर” का आयोजन किया गया। जिसमें युवतियों ने पंजाबी पोशाक में आकर अपनी समृद्ध विरासत को पहचाना। गांवों में जो मेले लगते थे, वे अब सीमित हो गये हैं। आज की पीढ़ी को विरासत को सहेजने और संरक्षित करने की जरूरत है।
इस दौरान कॉलेज की छात्राएं पंजाबी पोशाक में पहुंची और मेले का लुत्फ उठाया। गिद्ध सहित अन्य सामान की व्यवस्था की गई। इस मौके पर युवतियों ने पंजाबी विरासत से जुड़ी चीजों को देखकर कहा कि उन्हें चाय के त्योहार के बारे में नहीं पता था, लेकिन उन्हें पता चला कि पंजाबी विरासत में इसका अहम स्थान है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और विरासत से जुड़ने की जरूरत है ताकि आने वाली पीढ़ी को इसके बारे में पता चल सके|