पंजाब। दिल्ली के पूर्व CM और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में कोई कटौती नहीं होगी। उनके पास पहले की तरह पूरी सुरक्षा व्यवस्था बनी रहेगी और उनकी जेड प्लस सुरक्षा जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने सुरक्षा समीक्षा के बाद यह फैसला लिया है।
इस समय पूर्व CM अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ पंजाब के होशियारपुर में हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। केजरीवाल को खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों से खतरा होने की जानकारी आईबी के जरिए प्राप्त हुई है, और दिल्ली चुनाव के दौरान पंजाब पुलिस ने भी गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को इस बारे में सूचित किया था। इससे पहले पंजाब पुलिस ने केजरीवाल की सुरक्षा में अपनी टुकड़ी भी तैनात की थी, जिस पर सियासी विवाद खड़ा हो गया था।
यहां, आप के राष्ट्रीय संयोजक वीरवार से पंजाब के होशियारपुर में विपश्यना ध्यान शिविर में गए हुए हैं। अरविंद केजरीवाल के विपश्यना ध्यान में जाने के बाद दिल्ली के कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा चंडीगढ़ पहुंचे। सिरसा ने केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा कि जो खुद को दिल्ली का मालिक मानते थे, अब वे किराएदार भी नहीं रहे। दिल्ली की समस्याएं अब पंजाब तक पहुंच चुकी हैं। सिरसा ने यह भी कहा कि केजरीवाल बिना सत्ता के नहीं रह सकते, इसलिए उन्होंने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को लुधियाना पश्चिमी उपचुनाव में उम्मीदवार घोषित किया है, ताकि वे पंजाब से राज्यसभा पहुंच सकें। सिरसा इससे पहले मोहाली में 1984 के सिख दंगों के दोषी सज्जन कुमार को सजा मिलने पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने मोहाली के फेज-5 स्थित गुरुद्वारा कलगीधर सिंह सभा में माथा टेका और 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गठित एसआईटी की कार्रवाई के बारे में जानकारी दी।
काफिले में थे 100 सुरक्षा कर्मी।
सिरसा ने कहा कि दिल्ली चुनाव के बाद केजरीवाल ने CM भगवंत मान को हटाने की पूरी तैयार कर ली थी। कई विधायकों ने समर्थन तक कर दिया था, लेकिन पंजाब सीएम की कुर्सी पर केजरीवाल के बैठने पर विधायकों ने सहमति नहीं दिखाई। केजरीवाल के विपश्यना पर सिरसा ने कहा कि काफिले में 50 गाड़ियां, 100 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी देखकर लगता नहीं कि वह ध्यान करने पहुंचे हैं।
दिल्ली के नेता अब पंजाब में घूम रहे, सीएम को नाकाम साबित करने में जुटे।
सिरसा ने कहा कि दिल्ली के आप नेता इस समय पंजाब में सक्रिय हैं। मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पंजाब में ही रह रहे हैं। दिल्ली के कुछ सलाहकारों को मुख्यमंत्री मान के आसपास बैठाकर उन्हें सीएम का दर्जा दिया गया है। पिछले तीन सालों में राज्य में नशे की समस्या को खत्म नहीं किया जा सका, और अब नशे के खिलाफ युद्ध जैसे अभियान की बात की जा रही है, जिसमें तीन महीनों में नशा खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। सिरसा का कहना है कि केजरीवाल मुख्यमंत्री मान को नाकाम साबित करके सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं, जबकि दिल्ली के पूर्व मंत्री पंजाब में नए मॉडल लागू करने के नाम पर विभागों की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले रहे हैं। दूसरी ओर, 2027 के विधानसभा चुनावों के बारे में पूछे जाने पर सिरसा ने कहा कि 2022 में भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ा था और 2024 का लोकसभा चुनाव भी अकेले लड़ा। अब 2027 का पंजाब विधानसभा चुनाव भी भाजपा अकेले ही लड़ेगी।