हरियाणा के भाजपा सांसद Ramchandra Jangra ने किसान आंदोलन के संदर्भ में विवादास्पद बयान दिया है। जांगड़ा ने दावा किया कि टिकरी और सिंघु बॉर्डर के गांवों से 700 लड़कियां गायब हो गई हैं और पंजाब के नशेड़ियों ने हरियाणा में नशे की समस्या बढ़ा दी है। उन्होंने पंजाब पर आरोप लगाया कि 2021 से पहले हरियाणा में नशा नहीं था, लेकिन अब राज्य में युवा नशे के कारण मर रहे हैं।
भाजपा सांसद ने कहा, “किसान आंदोलन के नाम पर कुछ लोग चंदा उगाही कर रहे हैं।” जांगड़ा ने न्यूज 18 से बातचीत में कहा कि उन्होंने जो बयान दिया है, वह समाज में फैली चर्चा का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय किसान आंदोलन के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति के तहत किसानों ने अभूतपूर्व उत्पादन किया है, जिससे पीएम मोदी 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रहे हैं। उनका मानना है कि यदि किसान पीएम की नीति के अनुसार काम करते हैं तो उनकी आय दोगुनी नहीं, बल्कि चार गुनी हो सकती है।
सांसद ने यह भी कहा कि अगर जनता किसी मुद्दे पर बात करती है तो उस पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने किसान नेताओं राकेश टिकैत और गुरनाम चढूनी की हैसियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन नेताओं के बारे में कोई खास बात नहीं है।
इस बयान पर किसान नेताओं की प्रतिक्रिया तेज़ी से आई है। भारतीय किसान यूनियन संघर्ष के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरनजीत सिंह ने कहा कि जांगड़ा का बयान न केवल गलत है, बल्कि यह किसानों को बदनाम करने की कोशिश है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर इतना कुछ हुआ है, तो सांसद ने अब तक क्या कार्रवाई की है। उनका कहना था कि किसानों को आतंकवादी और बलात्कारी कहने की यह सोच बिल्कुल गलत है और ऐसे सांसदों के खिलाफ सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि जब भाजपा नेताओं के पास किसानों के सवालों का जवाब नहीं होता, तो वे इस तरह के निराधार और विवादास्पद बयान देते हैं। उन्होंने भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वही सरकार गुजरात में बड़े स्तर पर नशे की खेप पकड़ने में शामिल थी। कोहाड़ ने यह भी कहा कि अगर सच में लड़कियां गायब हुई हैं तो इसके लिए जिम्मेदारी भाजपा की सरकार की है, क्योंकि सरकार उन्हीं की थी।
किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि इस तरह की बयानबाजी किसानों को टारगेट करने की एक सोची-समझी कोशिश है, जिससे आंदोलन को कमजोर किया जा सके।