खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता Jagjit Singh Dallewal का आमरण अनशन बुधवार को 51वें दिन भी जारी रहा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से डल्लेवाल की स्वास्थ्य रिपोर्ट मांगी है, ताकि एम्स के मेडिकल बोर्ड से उनकी स्थिति पर राय ली जा सके।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने Jagjit Singh Dallewal की स्वास्थ्य स्थिति पर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा, “करीब 50 दिनों से अनशन कर रहे व्यक्ति के स्वास्थ्य में कैसे सुधार हो रहा है?” अदालत ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को आदेश दिया कि डल्लेवाल की जांच रिपोर्ट तुरंत सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को सौंपी जाए। इसके बाद रजिस्ट्रार को निर्देश दिया गया कि रिपोर्ट एम्स के निदेशक को भेजकर मेडिकल बोर्ड से राय ली जाए।
पंजाब सरकार का पक्ष
सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए पंजाब सरकार के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि डल्लेवाल के लिए विरोध स्थल से 10 मीटर दूर एक अस्थायी अस्पताल स्थापित किया गया है। सिब्बल ने यह भी जानकारी दी कि प्रदर्शनकारी किसानों को मनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधि लगातार वार्ता कर रहे हैं।
पंजाब सरकार ने बताया कि किसान नेताओं को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) नवाब सिंह की अध्यक्षता वाली समिति से मिलने के लिए राजी किया गया था। डल्लेवाल ने 6 जनवरी को शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त पैनल से मुलाकात भी की थी।
डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने जानकारी दी कि डल्लेवाल की सेहत गंभीर रूप से खराब हो रही है। बीते 48 घंटों में उनकी हालत और बिगड़ गई है। वह पानी भी नहीं पचा पा रहे हैं और जितना पानी पीते हैं, उतना ही उल्टी कर देते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, उनके शरीर के अंग पानी को भी पचाने में असमर्थ हो गए हैं और कई अंग काम करना बंद करने की स्थिति में हैं।
सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच संवाद जारी
सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि प्रदर्शनकारी किसानों और सरकारी अधिकारियों के बीच संवाद चल रहा है। राज्य और केंद्र दोनों पक्ष समाधान निकालने के लिए प्रयासरत हैं।
डल्लेवाल के स्वास्थ्य की गंभीरता को देखते हुए, यह अनशन न केवल सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत के लिए महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि जनहित से जुड़ा मामला भी बन गया है।