दोनों पहलवानों के Haryana विधानसभा चुनाव लड़ने कीचर्चाएं हुई तेज - Trends Topic

दोनों पहलवानों के Haryana विधानसभा चुनाव लड़ने कीचर्चाएं हुई तेज

Haryana

आज, बुधवार, 4 सितंबर को, भारतीय पहलवान विनेश फोगट और बजरंग पुनिया ने दिल्ली में राहुल गांधी नामक एक नेता से मुलाकात की। उनकी मुलाकात के बाद, लोगों ने पहलवानों के Haryana में चुनाव लड़ने की संभावना के बारे में बहुत चर्चा शुरू कर दी।

कुछ लोगों का कहना है कि कांग्रेस दो प्रसिद्ध पहलवानों, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया को विशेष क्षेत्रों में चुनाव लड़ाना चाहती है। विनेश चरखी दादरी नामक जगह से हैं, और इसलिए वे चाहते हैं कि वे उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करें। वे यह भी चाहते हैं कि बजरंग बादली नामक एक अलग क्षेत्र से चुनाव लड़ें। ये स्थान कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं, यही वजह है कि उन्होंने इन दो पहलवानों को अपनी मदद के लिए चुना।

पिछला चुनाव स्थिति

2019 में, सोमबीर सांगवान नामक व्यक्ति, जो किसी भी पार्टी से संबंधित नहीं था, चरखी दादरी नामक जगह से चुनाव जीता। उन्हें 43,849 वोट मिले, जो बहुत है! दूसरे स्थान पर JJP नामक पार्टी के व्यक्ति सतपाल सांगवान रहे, जिन्हें 29,577 वोट मिले। बबीता फोगट नामक महिला तीसरे स्थान पर रहीं, जो भाजपा नामक पार्टी से थीं। फिर चौथे स्थान पर आरजेपी नामक पार्टी से सुरेंद्र सिंह और पांचवें स्थान पर मेजर नृपेंद्र सिंह सांगवान रहे।

2014 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहे थे। विजेता इनेलो पार्टी से राजदीप थे। सोमवीर सांगवान दूसरे स्थान पर रहे और एचजेसी (बीएल) पार्टी से सुरेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर रहे।

अभी, ऐसी स्थिति है कि सोमवीर सांगवान नामक व्यक्ति, जो एक स्वतंत्र नेता हैं, कांग्रेस नामक एक समूह की मदद कर रहे हैं। साथ ही, सुनील सांगवान नामक व्यक्ति, जो एक पूर्व मंत्री का बेटा है, हाल ही में भाजपा नामक एक अन्य समूह में शामिल हुआ है। बबीता फोगट नामक एक महिला भी हैं जो इस क्षेत्र की प्रभारी बनना चाहती हैं।

इस स्थिति में, भाजपा पार्टी के भीतर इस बात को लेकर लड़ाई हो सकती है कि चरखी-दादरी में कौन विशेष पद के लिए चुनाव लड़ेगा। अगर वे दो विकल्पों में से एक व्यक्ति को चुनते हैं, तो दूसरा व्यक्ति नाराज़ हो सकता है, और इससे लोग उन्हें वोट नहीं देना चाहेंगे। अगर कांग्रेस पार्टी चरखी-दादरी से विनेश फोगट को चुनाव लड़वाती है, तो उन्हें इस वजह से ज़्यादा वोट मिल सकते हैं। विनेश फोगट बलाली नामक गाँव में रहती हैं। वह कुश्ती नहीं लड़ सकती थीं, क्योंकि उनका वज़न थोड़ा ज़्यादा था – सिर्फ़ 100 ग्राम ज़्यादा। इस वजह से उन्होंने कुछ समय के लिए कुश्ती नहीं लड़ने का फ़ैसला किया। लेकिन जब वह पेरिस ओलंपिक से वापस आईं, तो सभी ने उनका बड़े जश्न के साथ स्वागत किया!

अगर विनेश फोगट राजनीति में अपना करियर शुरू करती हैं, तो उन्हें खाप पंचायतों और किसानों से काफ़ी मदद मिल सकती है, क्योंकि उनकी उनसे अच्छी दोस्ती है। इससे उन्हें जीतने में मदद मिल सकती है। बादली सीट के लिए बजरंग पुनिया ही क्यों चुनाव लड़ रहे हैं? बजरंग पुनिया बादली में नौकरी के लिए चुनाव लड़ सकते हैं, जहाँ लोग अपने नेताओं को वोट देते हैं। अभी वहाँ कुलदीप वत्स नाम का एक व्यक्ति काम करता है और वह कांग्रेस पार्टी का हिस्सा है। 2019 के पिछले बड़े चुनाव में कुलदीप ने बीजेपी पार्टी के ओ.पी. धनखड़ नाम के कद्दावर नेता के खिलाफ काफी वोटों से जीत हासिल की थी। लेकिन 2014 के चुनाव में ओ.पी. धनखड़ ने कुलदीप के खिलाफ तब जीत हासिल की थी, जब वो बिना किसी पार्टी के चुनाव लड़ रहे थे। 2019 में नरेश कुमार कांग्रेस से चुनाव लड़कर चौथे स्थान पर रहे थे। पिछले साल कुलदीप वत्स को कुछ दिक्कतें हुई थीं, क्योंकि लोगों ने कहा था कि उनके पास फर्जी डिग्री है। इसी वजह से कांग्रेस इस बार बादली विधानसभा सीट के लिए एक मजबूत उम्मीदवार तलाशना चाहती है। अब ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस इस सीट के लिए बजरंग पूनिया को मैदान में उतार सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *