Punjab पुलिस की सख्ती के बावजूद गैंगस्टरों का सिलसिला नहीं थम रहा

Punjab में गैंगस्टरों को भगवंत मान सरकार भी नहीं रोक पाई. पंजाब पुलिस की सख्ती के बावजूद गैंगस्टरों का दबदबा बढ़ गया है. राज्य में व्यवसायियों और कलाकारों से रंगदारी मांगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. यह खुलासा डीजीपी गौरव यादव द्वारा हाईकोर्ट को दिए गए आंकड़ों से हुआ है|

इन आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में रंगदारी, धमकी और गवाहों के अपहरण के मामले बढ़े हैं. डीजीपी के मुताबिक, 1 जून 2022 से 28 फरवरी 2023 तक पंजाब में धमकी, अपहरण और रंगदारी कॉल को लेकर 300 एफआईआर दर्ज की गईं. इनमें से सबसे ज्यादा एफआईआर लुधियाना में 35, बठिंडा में 28, तरनतारन में 17, मोगा में 13, मोहाली में 13, जालंधर में 26, अमृतसर में 29, फाजिल्का में 13 और होशियारपुर में 11 दर्ज की गईं।

इसके अलावा, 1 मार्च 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक 324 एफआईआर दर्ज की गईं। इनमें से लुधियाना में 26, बठिंडा में 34, तरनतारन में 17, मोगा में 23, जालंधर में 21, अमृतसर में 34, बटाला में 20 और होशियारपुर में 19 एफआईआर दर्ज की गईं।

डीजीपी गौरव यादव ने यह भी दावा किया है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2023-24 में अर्श दल्ला, हरविंदर सिंह रिंदा, लखबीर सिंह उर्फ ​​लांडा और सतिंदर सिंह उर्फ ​​गोल्डी बराड़ जैसे गैंगस्टरों और संगठित अपराध में शामिल व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया है। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं|

उन्होंने दावा किया है कि हाल ही में सचिन थापन उर्फ ​​सचिन बिश्नोई, विक्रमजीत सिंह बराड़ उर्फ ​​विक्की, मनदीप सिंह और मनप्रीत उर्फ ​​पिटा को केंद्रीय एजेंसियों की मदद से अजरबैजान, यूएई और फिलीपींस से गिरफ्तार कर भारत लाया गया है|

डीजीपी ने कोर्ट को बताया कि 203 ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया, जो हथियार दिखा रहे थे, अपराधों का महिमामंडन कर रहे थे या अपराधों की जिम्मेदारी ले रहे थे. इस साल सोशल मीडिया पर हथियार, हिंसा और अपराध को बढ़ावा देने के मामले में 201 एफआईआर दर्ज की गई हैं।

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