लुधियाना लोकसभा सीट से हारने के बावजूद रवनीत सिंह बिट्टू को Modi ने अपनी टीम में जगह दी है। इसी साल 26 मार्च को बिट्टू ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन की थी। भाजपा आने के 75 दिन बाद ही उन्हें यह तोहफा मिल गया। वह भी तब जब पंजाब में 26 साल बाद भाजपा की कोई भी सीट नहीं आई है। पंजाब में अरुण जेटली, हरदीप पुरी के बाद हारकर भी Modi मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले बिट्टू तीसरे हैं। उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया है। राज्यसभा सांसद हरदीप पुरी को इस बार भी शामिल किया गया है। अब मंत्रिमंडल में दो सिख चेहरे हो गए हैं।
बिट्टू पंजाब के दिवंगत मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं जो पंजाब में आतंकवाद विरोधी चेहरा थे। वे आतंकी हमले में ही मारे गए थे। बिट्टू लुधियाना जिले के पायल विधानसभा क्षेत्र के कोटला अफगाना गांव के मूल निवासी हैं। रवनीत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जरिए बीजेपी में शामिल हुए। कांग्रेस से आए रवनीत की नियुक्ति के जरिए पीएम मोदी ने पंजाब में अपने संगठन में दूसरे दलों के राष्ट्रवादी सदस्यों को तवज्जो दिए जाने का संदेश दिया है। यह फैसला आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर निर्णायक जट सिख वोट बैंक पर पकड़ मजबूत करने के लिहाज से अहम होगा। बिट्टू के साथ ही भाजपा ने इंडस्ट्री हब लुधियाना को भी साधा है।
तीन बार कांग्रेस से सांसद रहे बिट्टू इस बार 1.97% के अंतर से कांग्रेस से हारे थे
रवनीत सिंह बिट्ट पहले 2009 में आनंदपुर साहिब से और फिर 2014 और 2019 में कांग्रेस के टिकट पर लुधियाना से लोकसभा सांसद चुने गए थे। बिट्टू 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर लड़े थे। उस समय उन्होंने लोक इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस को हराया था। उन्हें 36.66 फीसदी वोट मिले थे। इस बार वे भाजपा की तरफ से मैदान में उतरे थे और हारे गए थे। उन्हें पंजाब कांग्रेस प्रधान अ मरिंदर राजा वडिंग ने हराया है। वडिंग को 30.40 फीसदी वोट मिले है और 28.43 वोट मिले हैं। उनकी हार का अंतर महज 1.97 फीसदी रहा है।