Punjab और हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से अम्बाला-अमृतसर हाईवे को 7 दिन में खुलवाने के आदेश देने के बाद अब जल्द शंभू बॉर्डर खुलने की उम्मीद है। हाईकोर्ट का यह आदेश विशेषकर अम्बाला के कारोबार के लिए संजीवनी का काम करेगा। दूसरी तरफ पंजाब के कारोबार का नुकसान भी अरबों में है।
किसान मजदूर मोर्चा व संयुक्त किसान मजदूर मोर्चा (गैर राजनीतिक) के बैनर तले एमएसपी पर लीगल गारंटी कानून और विभिन्न मांगों को लेकर किसान 13 फरवरी को दिल्ली कूच के लिए निकले थे। हालांकि, अर्ध सैनिक बलों से हुए खूनी संघर्ष और 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर किसान शुभकर्ण सिंह की मौत के बाद किसानों ने शंभू बॉर्डर पर ही डेरा डाल दिया था। तब से लोग पंजाब की तरफ जाने के लिए रोजाना धक्के खा रहे हैं।
अब मानसून सीजन में घग्गर के बीच से सफर जानलेवा हो गया है। किसानों के दिल्ली कूच के चलते अम्बाला में शंभू बॉर्डर 5 माह से बंद रहने से अम्बाला की कपड़ा मार्केट, मिक्सी उद्योग, ट्रांसपोर्ट उद्योग, मनियारी मार्केट, इलेक्ट्रिकल मार्केट, सर्राफा कारोबार, सब्जी मंडी, रोडवेज, बॉर्डर से लगते पेट्रोल पंप, ढाबों व शराब की दुकानों को फटेहाल करने में कोई कसर नहीं बची। होलसेल क्लॉथ मार्केट के प्रधान विकास बत्रा के मुताबिक अम्बाला की कपड़ा मार्केट में छोटी-बड़ी करीब 2 हजार दुकानें एवं शोरूम हैं। यहां करीब 15 हजार वर्कर काम करते हैं।
अम्बाला में ज्यादातर काम होलसेल का होने से पंजाब, चंडीगढ़ व हिमाचल का ग्राहक बहुत आता है। लगातार ग्राहक जिससे हाईवे बंद होने से पंजाब का दूसरे मार्केट में शिफ्ट हो गया। कारोबार लगभग आधा रह गया है। एहतियात के तौर पर अम्बाला चंडीगढ़ था। नेशनल हाईवे भी बंद किया चंडीगढ़ हाईवे 25 दिन बाद और अम्बाला-राजपुरा रेलमार्ग 34 दिन के बाद खुल गया था, लेकिन तब से बंद चल रहे अम्बाला-अमृतसर हाईवे ने कारोबार की कमर तोड़ दी है।