मानसा: गैस पाइपलाइन मुआवजे को लेकर किसानों और Police में झड़प, SHO गंभीर रूप से घायल - Trends Topic

मानसा: गैस पाइपलाइन मुआवजे को लेकर किसानों और Police में झड़प, SHO गंभीर रूप से घायल

Police

पंजाब के लेलेवाला गांव में मंगलवार देर रात किसानों और Police के बीच हुई झड़प ने स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया। झगड़े में कई पुलिसकर्मियों और किसानों के घायल होने की खबर है। बताया जा रहा है कि भीखी थाने के SHO के दोनों हाथ टूट गए हैं। इस हिंसक टकराव के दौरान गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की गई।

मामला क्या है?

घटना का कारण गुजरात गैस पाइपलाइन के मुआवजे को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन बताया जा रहा है। किसानों का कहना है कि उनकी जमीन के नीचे से गुजर रही गैस पाइपलाइन के उचित मुआवजे के लिए लंबे समय से आवाज उठाई जा रही है, लेकिन अब तक उनकी मांगें अनसुनी की गई हैं।

मंगलवार रात भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के नेतृत्व में किसान मानसा से तलवंडी साबो के लेलेवाला गांव पहुंच रहे थे। जैसे ही किसानों का समूह गांव के गेट पर पहुंचा, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस पर दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई, जो जल्द ही हिंसक झड़प में बदल गई।

झड़प के दौरान क्या हुआ?

झगड़े में कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। खासकर भीखी थाने के SHO को गंभीर चोटें आईं, और उनके दोनों हाथ टूटने की खबर है। झड़प के दौरान गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया।

किसानों का पक्ष

भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के प्रदेश नेता शिंगारा सिंह मान ने कहा कि मुआवजे की मांग को लेकर यह संघर्ष चल रहा है। उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर को इस मुद्दे पर माइसरखाना में राज्य स्तरीय बैठक बुलाई गई है। शिंगारा सिंह ने आरोप लगाया कि प्रशासन किसानों की जायज मांगों को नजरअंदाज कर रहा है।

उन्होंने कहा, “जब किसान लेलेवाला गांव की ओर जा रहे थे, तो पुलिस ने जबरन उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी दौरान स्थिति बिगड़ गई और झड़प हो गई।”

प्रशासन की प्रतिक्रिया

पुलिस ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। इस घटना के बाद इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

आगे का रास्ता

किसानों ने साफ कर दिया है कि वे मुआवजे की अपनी मांग को लेकर पीछे नहीं हटेंगे। 5 दिसंबर को होने वाली राज्य स्तरीय बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी।

यह घटना राज्य में किसानों और प्रशासन के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती है। दोनों पक्षों से उम्मीद की जा रही है कि वे संवाद के जरिए समाधान की ओर बढ़ें और ऐसी घटनाओं को टालें।

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