लखनऊ। प्रदेश के किसानों को अब मूंगफली, मक्का, मूंग, उड़द, पपीता, लीची, तरबूज, खरबूज, आंवला की फसलों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और बीमा का लाभ मिल सकेगा। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जायद की इन नौ फसलों को इस दायरे में लाने का निर्णय लिया है।
मंगलवार को राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख और विभागीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि केसीसी के दायरे में शामिल होने से किसानों को अधिक सुविधा होगी। इसके अलावा, बीमा दायरे में आने से किसानों को उनकी फसलों पर मौसम और अन्य कारणों से होने वाले नुकसान पर क्षतिपूर्ति प्राप्त हो सकेगी।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। ढैंचा बीज और जिप्सम की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट का उचित और त्वरित उपयोग करने के लिए भी कार्रवाई की बात कही। बैठक में कृषि विभाग के प्रमुख सचिव रवींद्र, वित्त विभाग की सचिव मिनिस्थी एस. और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
शहरी आजीविका केंद्रों का संचालन करेंगी समूह की महिलाएं।
अब शहरी आजीविका केंद्रों का संचालन स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं करेंगी, और आश्रय गृहों की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी जाएगी। मंगलवार को शासी निकाय की बैठक में इन दोनों प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही आउटसोर्सिंग कर्मियों की वेतन वृद्धि को भी स्वीकृति मिली, जिससे उनके वेतन में 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होगी।
वर्तमान में 63 शहरी आजीविका केंद्र चल रहे हैं, जिनका उद्देश्य शहरी गरीबों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए सरकारी और गैर सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और उन तक पहुंच सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, अनौपचारिक क्षेत्र के प्रशिक्षित और निपुण शहरी गरीब कामगारों को सूचीबद्ध और पंजीकृत कर रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।

दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत 10,351 लोगों के लिए 155 शेल्टर होम बनाए जाने हैं, जिनमें से 149 पहले ही बन चुके हैं। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने अधिकारियों को इस कार्य को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की। बैठक में नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग के सचिव और निदेशक सूडा डॉ. अनिल कुमार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।