हरियाणा। Haryana के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सभ्य समाज में फिल्मों और गानों का खासा असर पड़ता है। जरूरत पड़ी तो गन कल्चर वाले गानों के खिलाफ कानून लेकर आएंगे।
गन कल्चर वाले गानों को लेकर Haryana साइबर पुलिस चेतावनी देने के बाद अब एक्शन मोड में आ गई है। पुलिस ने बदमाशी, शराब, ड्रग्स, हिंसा जैसे गानों की पहचान कर यू-ट्यूब से हटवाने की कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस अभी तक चार हरियाणवी गायकों के 10 गानों सोशल मीडिया से हटवा चुकी है। इसमें मासूम शर्मा के छह सहित दो अन्य गायकों के दो-दो गाने हैं। जबकि, इस तरह के 90 से अधिक गानों की सूची पुलिस ने तैयार की है।

पंजाब के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, हरियाणवी संगीत में गन कल्चर (बंदूक संस्कृति) वाले गानों का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। उदाहरण स्वरूप, गायक बीरू कटारिया, फिजा, और राज मवार का गाना जिसमें गन और गोल्ड का जिक्र है, काफी लोकप्रिय हो रहा है। सिंगर अजय हुडा और राज मावेर का गाना “मनै छोड़ दी रे गन राखणी मेरी जाटनी सै लोडेड हथियार” और प्रांजल दहिया और हर्ष संधू का गाना “रै लिख के बेरी घूमै स मेरा नाम बंदूका पे” भी इसी दिशा में आते हैं। स्वरा वर्मा, मासूम शर्मा और राहुल मुआना का गाना “चंबल कै डाकू”, हेमंत फौजदार, किरण, मासूम शर्मा और मनीषा शर्मा का गाना “ट्यूशन बदमाशी का” और मासूम शर्मा का गाना “पिस्टल बोलैगी” जैसी रचनाएँ भी गन कल्चर को बढ़ावा देती हैं। इन गानों में कानूनी और सामाजिक नियमों को नजरअंदाज कर बंदूक और हथियारों की महिमा का गुणगान किया जा रहा है।