हर माँ की एक खुवाहिश होती है की उनके बेटे की अच्छे से परवरिश हो | ऐसे में वह उसकी बेहतर परवरिश के लिए कुछ न कुछ करने की कोशिश करती है, लेकिन कई बार ऐसी कोशिशें उलट पड़ जाती हैं। ऐसा ही हुआ असम की रहने वालीमुस्लिम महिला वहीदा बेगम के साथ, जो पाकिस्तान की जेल में 8 माह की सजा काटअपने 13 साल के बच्चे फैज खान के साथ Amritsar के Attari border के रास्ते वतन लौटी।
वहीदा, फैज और 2 अन्य भारतीय नागरिकों शब्बीर निवासी असम और उत्तर प्रदेश निवासी सूरजपाल भी वतन लौटने वालों में शामिल हैं। सभी को पाक रेंजर्स ने बीएसएफ के जरिए अटारी के तहसीलदार और प्रोटोकॉल अफसर अरुण माहल के हवाले किया, जहां से पुलिस सुरक्षा में उनको रेडकॉस की सराय में ले जाया गया। शब्बीर रिश्तेदारों से मिलने और सूरजपाल मानसिक स्थिति ठीक न होने के चलते बॉर्डर क्रॉस कर गया था।
वहीदा को निकाह का झांसा देकर ले जाया गया था। वहीदा के मुताबिक वह असम के नौगांवनी की रहने वाली है। इसकी शादी मोहिसन खान से हुई थी और बेटा फैज खान पैदा हुआ। शादी के कुछ दिन बाद मोहसिन की मौत हो गई। ऐसे में उसे बेटे की परवरिश की चिंता सताने लगी। उसके मुताबिक इसी बीच सोशल मीडिया से पाकिस्तान के जिया से संपर्क हुआ और उसने उससे निकाह करने और फिर दुबई में शिफ्ट होने का सब्जबाग दिखाया।
वह उसके बहकावे में आ गई। 2022 में जिया उसे लेने आया और वह बेटे को लेकर पाकिस्तान चली गई। जहां से दुबई और फिर अफगानिस्तान ले गया। उसके बयान के मुताबिक जिया उसे जगह-जगह घुमाता रहा और उसे पता नहीं चलता, क्योंकि वह अक्सर खाने में कुछ दे देता था जिससे वह पांच-छह घंटे बेहोशी की हालत में रहती। कई बार उसे जब होश आता तो लगता वह उसे कहीं बेचना चाह रहा है। इसी बीच जब जिया उसे एक अफगानी के साथ चमन बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान में ले जाने की कोशिश कर रहा था तो उसे होश आ गया और वह वहां बॉर्डर पर तैनात पाक आर्मी के पास भाग कर चली गई और सारा किस्सा बताया।