Diwali के जश्न के दौरान देश के कई इलाके गंदे और प्रदूषित होते जा रहे हैं। अमृतसर अब भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। वहां हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है और इसका स्कोर 339 है, जो बहुत ही अस्वस्थ है। इसका मतलब है कि अमृतसर की हवा दिल्ली की हवा जितनी ही प्रदूषित है, जो बहुत ज़्यादा प्रदूषण के लिए जानी जाती है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि अमृतसर की हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है और पंजाब के कई दूसरे शहरों की भी हालत ठीक नहीं है।
भले ही पंजाब सरकार ने लोगों को पटाखे जलाने से रोकने की कोशिश की हो, लेकिन फिर भी बहुत से लोग पटाखे जलाते हैं। लुधियाना, अमृतसर, जालंधर और पटियाला जैसे शहरों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है, और यह संख्या बहुत ज़्यादा यानी 400 से 500 के बीच है। इस खराब हवा की वजह से लोगों को सांस लेने में ज़्यादा परेशानी हो सकती है और इससे अस्थमा और दिल की समस्याएँ और भी बदतर हो सकती हैं। सरकार ने कहा है कि हम Diwali पर सिर्फ़ रात 8 बजे से 10 बजे के बीच ही पटाखे जला सकते हैं। अगर कोई इस नियम को तोड़ता है तो उसे परेशानी हो सकती है। लेकिन नियम होने के बावजूद भी लोग देर रात तक पटाखे जलाते रहे।