Uttarakhand की चार धाम यात्रा शुक्रवार से शुरू हो रही है। इस छमाही यात्रा के लिए कई सालों बाद गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ मंदिरों के कपाट एक साथ सुबह 6:55 बजे खुलेंगे। जबकि बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन 12 मई से होंगे। इन धामों पर दिन में तापमान 0 से 3 डिग्री है और रात में पारा माइनस में जा रहा है। इसके बावजूद केदारनाथ धाम से 16 किमी पहले स्थित गौरीकुंड में करीब 10 हजार श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। पूरा गौरीकुंड दो दिन से हाउसफुल है। पिछले साल यह आंकड़ा 7 से 8 हजार के बीच था। यहां करीब 1500 कमरे हैं, जो भरे हुए हैं। रजिस्टर्ड 5,545 खच्चर बुक हो चुके हैं। तीन किमी दूर सोनपुर भी हाउस फुल है। हरिद्वार और ऋषिकेश में 15 हजार से ज्यादा चार धाम यात्री पहुंच चुके हैं।
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आम दर्शन से 6 घंटे पहले गर्भगृह में प्रवेश करते हैं
केदारनाथ धाम के संत अविराम दास महाराज ने बताया कि हर साल पट खुलने से पहले रात 12 बजे मुख्य रावल 5-6 वेदपाठी ब्राह्मणों के साथ मंदिर में प्रवेश करते हैं। मंदिर बाहर से बंद कर दिया जाता है। फिर गर्भगृह में पंचमुखी विगृह से मंत्रों के द्वारा ज्योतिर्लिंग में प्राण पुनः स्थापित किए जाते हैं। गर्भगृह की साफ-सफाई होती है। भगवान की षोडशोपचार पूजा के बाद कपाट आम दर्शन के लिए खोले जाते हैं |
400 डॉक्टर तैनात, इनमें 256 एक्सपर्ट
पहली बार चार धाम यात्रा मार्ग पर 400 से ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती। इनमें 256 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। फिर भी श्रद्धालु यात्रा में कम से कम 7 दिन का प्लान बनाकर आएं, ताकि घटते-बढ़ते तापमान में शरीर ढलता रहे।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह के मुताबिक ऑनलाइन पूजा इस बार 30 जून तक ही होगी। इसमें श्रीमदभागवत पाठ के लिए 51 हजार रु. तो महाभिषेक के लिए 12 हजार रु. तय हुए हैं