Haryana: हरियाणा के लोगों ने लोकसभा चुनाव का किया बहिष्कार, BJP नेताओं की गांव में एंट्री पर भी बैन - Trends Topic

Haryana: हरियाणा के लोगों ने लोकसभा चुनाव का किया बहिष्कार, BJP नेताओं की गांव में एंट्री पर भी बैन

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Election 2024 : लोकसभा चुनाव में लोगों ने अब नेताओं से अपना बदला लेने की ठान ली है। हरियाणा के कई गांवों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार का एलान किया तो दूसरी तरफ भाजपा नेताओं की गांव में एंट्री को भी बैन कर दिया है। यमुनानगर जिले के दो गांव घोड़ो पिपली और टापू माजरी के लोगों ने लोकसभा चुनाव से दूरी बना ली है।

ग्रामीणों का कहना है कि हम लंबे समय से यमुना नदी पर पुल की मांग कर रहे हैं। लेकिन उसे किसी भी सरकार ने पूरा नहीं किया है। अब हमने नेताओं को सबक सिखाने के लिए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। अगर लोकसभा चुनाव तक भी पुल नहीं बनाया जाता तो हम आने वाले विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे। दरअसल घोड़ो पिपली और टापू माजरी यमुनानगर जिले के दो ऐसे गांव है जो यूपी के जिले सहारनपुर से बिल्कुल सटे हुए हैं।

अगर इन दोनों गांव के लोगों को यमुनानगर आना हो तो उन्हें नदी पार करके आना पड़ेगा। अगर वह यह रास्ता नहीं अपनाएंगे तो उन्हें यूपी के कई गांव से घूमकर यमुनानगर पहुंचाना पड़ेगा। यमुना नदी के रास्ते जो सफर 9 किलोमीटर में तय हो जाता है वह उत्तर प्रदेश होते हुए 45 किलोमीटर लंबा पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर हम उत्तर प्रदेश के रास्ते से जाते हैं तो हमें वहां की पुलिस और प्रशासन तंग करता है।

ग्रामीणों ने आगे कहा की सफर लंबा होने की वजह से कई मरीजों ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया है।उन्होंने बताया कि गांव में एक भी बैंक नहीं है। अगर एटीएम से पैसे निकलवाने हो तो वह भी यूपी से ही निकलवाने पड़ते हैं। ग्रामीण इतने आहत और परेशान हो चुके हैं कि उन्हें अपने बच्चों के लिए हरियाणा के यमुनानगर में दाखिला न दिलाकर उत्तर प्रदेश के कॉलेज में और स्कूलों में अपने बच्चों के एडमिशन कराए है।

ग्रामीणों की बेबसी यहीं खत्म नहीं होती उनका कहना है कि अधिकारी तो इस गांव में आने से भी हिचकिचाते हैं। अधिकारी इस कला पानी बोलकर जाते हैं।आप तस्वीरों में भी देख सकते हैं कि अगर ग्रामीण कोई यमुनानगर किसी काम के लिए जाना पड़ता है तो वह पहले बाइक को नाव में रखते हैं उसके बाद खुद उन्नाव में सवार होकर एक किनारे से दूसरे किनारे पहुंचते हैं। इसके लिए उन्हें पैसा भी चुकाना पड़ता है।

ऐसे में आप कल्पना कीजिए क्या हम 21 सी सदी में जी रहे हैं और तब हम जब विकसित देशों से अपना मुकाबला करते हैं। हालांकि इस तरह की तस्वीर हमने बिहार और उत्तर प्रदेश में देखी होंगी लेकिन हरियाणा में शायद आपको इसी गांव में ऐसा नजर आएगा और ऐसा पहले भी नजर आता रहा है लेकिन क्या आगे भी ऐसा ही नज़र आता रहेगा सवाल यह भी बड़ा है।

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