भगवान महाकाल और उज्जैन शहर के तीर्थस्थल से जुड़े रहस्यों और महाकाल की रोचक जानकारी आपको जानना चाहिए
क्या आपको पता है कि महाकाल मंदिर में स्थापित भगवान शंकर का शिवलिंग स्वयम्भू है यानि यह शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ है
भारत और दुनिया के किसी भी स्थान में स्थापित शिवलिंग उत्तर मुखी होते हैं भारत में उज्जैन महाकाल में मंदिर में स्थापित शिवलिंग अकेला दक्षिण मुखी शिवलिंग है
श्री महाकाल को पृथ्वी का राजा कहते हैं क्योंकि वे संघार, प्रलय और काल के देवता हैं, मृत्यु की गोद में बैठे प्राणी को भी वे खींचकर वापस ले आते हैं, इसलिए उनको मृत्युंजय महादेव कहा जाता है
श्री महाकाल को प्रतिदिन भस्म से स्नान कराया जाता है और भस्म के दौरान आरती की जाती है जिसे भस्म आरती कहते हैं यह आरती प्रात: की जाती है
कहा जाता है भगवान् महाकाल को ताज़ी चिता की राख से भस्म बनाकर उस भस्म का श्रंगार कराया जाता है, रात में जली चिता से भस्म एकत्र की जाती है
ऐसा माना जाता है की महाकाल शिवलिंग पृथ्वी के बीचों बीच स्थित है जिसकी वैज्ञानिक गाड़ना भी की गई है जिसे प्रमाणित किया गया है
भगवान महाकाल को उज्जैन का राजा कहा जाता है ऐसी मान्यता है की देश या प्रदेश का कोई भी मुखिया उज्जैन में रात्रि विश्राम नहीं करता है
उज्जैन शहर में कालभैरव का मंदिर भी है जिसमें भगवान कालभैरव की प्रतिमा है जिसे शराब का प्रसाद अर्पित किया जाता है
उज्जैन शहर लगभग 5 हजार साल पुराना बताया जाता है जिसका उल्लेख धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है उज्जैन को अवंती, अवंतिका, नंदिनी और अमरावती के नाम से भी जाना जाता है