गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि हमेशा सत्य के साथ खड़े रहो भले अकेले ही क्यों ना खड़ा रहना पड़े
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि जीवन के सच्चे मित्र दो ही हैं, पहला अपना किया हुआ कर्म और दूसरा परमात्मा, शेष तो सब यहीं मिले हैं और यहीं बिछड़ जाएंगे
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए मन पर नियंत्रण रखना बहुत आवश्यक है, काम करते समय अपने मन को हमेशा शांत और स्थिर रखना चाहिए...
क्रोध बुद्धि का नाश करता है और इसकी वजह से बने बनाए काम भी बिगड़ जाते हैं, इसीलिए मन को हमेशा शांत रखने का प्रयास करें
गीता में भगवान कहते हैं कि अपने बीते हुए कल को त्याग देना (भूल जाना) चाहिए क्योंकि उसका प्रभाव आने वाले कल को दूषित करता है
मनुष्य को मृत्यु से कभी भी भयभीत नहीं होना चाहिए, मृत्यु जीवन की अटल सत्य है, मृत्यु के प्रति भय (डर) ही मनुष्य के वर्तमान को नष्ट कर देता है
शरीर नश्वर हैं पर आत्मा अजर अमर है, यह सत्य जानने पर भी मनुष्य अपने इस नश्वर शरीर पर घमंड करता है जो कि बेकार है
गीता के अनुसार मनुष्य को कभी भी अपने कर्मों पर संदेह नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से मनुष्य खुद का सर्वनाश कर बैठता है..
इसीलिए सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो जो भी कार्य करें उसे पूरे विश्वास के साथ बिना किसी संदेह के करें
गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं मनुष्य को किसी भी वस्तु के प्रति अत्यधिक आकर्षण नहीं रखना चाहिए, यह आकर्षण ही मनुष्य के दुख का कारण बनता है