चंडीगढ़: Haryana सरकार ने गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने वाले हरियाणा गौवंश संरक्षण एवं गौसंवर्धन अधिनियम, 2015 के तहत अपराधों के मामलों को फास्ट-ट्रैक करने के लिए चार विशेष अदालतों की स्थापना की है। सरकार द्वारा 4 मार्च को जारी अधिसूचना के अनुसार, ये विशेष अदालतें नूंह, पलवल, अंबाला और हिसार में बनाई जाएंगी और राज्य के सभी जिलों को कवर करेंगी।
अधिसूचना के अनुसार, “Haryana के राज्यपाल ने पंजाब एवं Haryana उच्च न्यायालय की सहमति से नूंह, पलवल, अंबाला और हिसार जिलों में कार्यरत वरिष्ठतम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश और सिविल न्यायाधीश की अदालतों को निर्दिष्ट क्षेत्राधिकार में Haryana गौवंश संरक्षण एवं गौसंवर्धन अधिनियम, 2015 के तहत अपराधों की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के रूप में नामित किया है।”

नूंह की विशेष अदालत नूंह, रेवाड़ी, नारनौल, चरखी दादरी और भिवानी जिलों को कवर करेगी, जबकि पलवल अदालत पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, रोहतक, सोनीपत और पानीपत जिलों को देखेगी। इसी तरह, अंबाला अदालत अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल जिलों को कवर करेगी, और हिसार अदालत का क्षेत्राधिकार हिसार, जींद, कैथल, फतेहाबाद और सिरसा जिलों तक होगा।
Haryana विधानसभा ने मार्च 2015 में गायों के “संरक्षण और रखरखाव” के लिए एक विधेयक पारित किया था, जो राज्य में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है और पशु की हत्या के लिए तीन से 10 साल तक के कठोर कारावास का प्रावधान करता है।