चंडीगढ़। सेक्टर-22C स्थित एक कंपनी के कार्यालय से कुछ जाली दस्तावेज़ मिले हैं, जिनका उपयोग युवाओं को विदेश भेजने के लिए किया जा रहा था। इन दस्तावेजों के आधार पर, अन्य इमिग्रेशन कंपनियों में भी हड़कंप मच गया है। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने सेक्टर-22C, सेक्टर-34A और सेक्टर-44C स्थित रेड लीफ, इंफोविज सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस जैसी इमिग्रेशन कंपनियों पर छापेमारी की। इस दौरान कई पासपोर्ट और विदेश भेजने से संबंधित जाली दस्तावेज़ बरामद किए गए। टीम ने कुछ नकद राशि भी जब्त की है। हालांकि, छापेमारी के वक्त कार्यालयों में उनके मालिक नहीं मिले, लेकिन टीम को आवेदकों के पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज़ मिले हैं, जो वीजा प्राप्त करने के उद्देश्य से थे।
सेक्टर-22C में एक कंपनी के कार्यालय से ऐसे दस्तावेज़ मिले हैं, जिनके माध्यम से युवाओं को विदेश भेजने की तैयारी की जा रही थी। छापेमारी के बाद, अन्य इमिग्रेशन कंपनियों में भी हलचल मच गई है।
America से कई युवाओं के डिपोर्ट होने के बाद, ईडी ने इन पर कार्रवाई करना शुरू किया। कुछ दिन पहले अमेरिकी सरकार ने वर्क वीजा या अन्य गलत तरीकों से वहां प्रवेश करने वाले कई युवाओं को डिपोर्ट किया था। इनमें अधिकांश युवा हरियाणा और पंजाब से थे, जिनमें कुछ महिलाएं भी शामिल थीं, जिन्हें जंजीरों में जकड़कर लाया गया था। इसके बाद, दिल्ली दूतावास ने कई इमिग्रेशन कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए, और अब ईडी ने धन शोधन के तहत इन मामलों की जांच शुरू कर दी है।

ईडी की जांच में यह सामने आया है कि इन इमिग्रेशन कंपनियों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में पढ़ाई या काम करने के इच्छुक अयोग्य वीजा आवेदकों के शिक्षा प्रमाण पत्र और अनुभव पत्रों में छेड़छाड़ कर उन्हें विदेश भेजा।
जांच में यह तथ्य सामने आया है कि इमिग्रेशन कंपनियों के संचालकों ने गलत तथ्यों और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर विभिन्न वीजा आवेदकों को संयुक्त राज्य America का वीजा प्राप्त करने में अवैध रूप से सहायता की। इसके बदले में इन कंपनियों ने वीजा पाने वालों से बड़ी रकम वसूली, जो सीधे कंपनी के खातों में नहीं, बल्कि अलग-अलग व्यक्तिगत खातों में ट्रांसफर की गई।
चंडीगढ़ और मोहाली में इमिग्रेशन धोखाधड़ी के सबसे अधिक मामले।
चंडीगढ़ और मोहाली में इमिग्रेशन धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चंडीगढ़ में पिछले एक साल में 116 इमिग्रेशन कंपनियों के खिलाफ 190 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इस शहर में इस समय करीब 550 से ज्यादा फर्जी इमिग्रेशन कंपनियां संचालित हो रही हैं। पिछले साल में केवल इमिग्रेशन के जरिए लगभग 250 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। वहीं, मोहाली में 222 एफआईआर दर्ज की गई हैं।