Haryana: डोभी गांव के युवक ने 4 सरकारी नौकरियों में सफलता पाई, अब लेक्चरर बने सचिन सुथार - Trends Topic

Haryana: डोभी गांव के युवक ने 4 सरकारी नौकरियों में सफलता पाई, अब लेक्चरर बने सचिन सुथार

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Haryana के हिसार जिले के डोभी गांव के रहने वाले सचिन सुथार ने हरियाणा सरकार की भर्ती परीक्षाओं में चार बार सफलता प्राप्त की है। इसमें तीन बार सरकारी नौकरी और एक बार कॉन्ट्रैक्ट बेस पर नौकरी शामिल है। सचिन ने पहले पंचायत लोकल ऑपरेटर, फिर गणित टीचर, उसके बाद पुलिस कांस्टेबल और अब हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) के माध्यम से मैथ्स लेक्चरर की नौकरी हासिल की है। उनका कहना है कि वह असिस्टेंट प्रोफेसर बनने तक नहीं रुकेंगे।

परिवार की कठिनाई और मेहनत

सचिन के पिता राजमिस्त्री हैं, जबकि उनकी मां गृहिणी हैं। सचिन की मां, सरला देवी, बताती हैं कि उन्होंने अपने बेटे को मजदूरी कर के पढ़ाया। वह हमेशा मेहनत और शिक्षा में विश्वास रखती थीं, और कभी भी बेटे की पढ़ाई में कमी नहीं होने दी। सचिन ने कहा कि उनके गांव में बिजली की स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन उन्होंने सोलर लाइट का इस्तेमाल कर पढ़ाई की और कभी मेहनत नहीं छोड़ी।

सफलता की यात्रा

सचिन ने अपनी यात्रा की शुरुआत 2023 में क्रीड पंचायत लोकल ऑपरेटर (CPLO) की परीक्षा से की। मार्च 2024 में उन्हें ग्राम पंचायत लोकल ऑपरेटर के रूप में नौकरी मिल गई, लेकिन उन्होंने वहां सिर्फ एक दिन काम किया। इसके बाद, सचिन ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत मैथ्स टीचर की परीक्षा दी और वह राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, अग्रोहा में नौकरी जॉइन करने में सफल रहे।

इसके बाद अक्टूबर में उन्होंने हरियाणा पुलिस भर्ती परीक्षा में सफलता प्राप्त की, लेकिन यह नौकरी जॉइन नहीं की, क्योंकि वह HPSC के इंटरव्यू की तैयारी कर रहे थे। 4 जनवरी को उन्हें सूचना मिली कि वह HPSC में चयनित हो गए हैं और अब वह पीजीटी मैथ्स के लेक्चरर बन गए हैं। हालांकि, अभी उनका स्टेशन अलॉट नहीं हुआ है।

आगे की तैयारी

सचिन ने बताया कि वह अब तक एच-टेट (HTET-TGT), एच-टेट (HTET-PGT) और सी-टेट (CTET-PRT और TGT) की परीक्षाएं पास कर चुके हैं और अब वह UGC NET और पीएचडी की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने मेहनत करना नहीं छोड़ा है क्योंकि उनके सपने अब भी पूरे नहीं हुए हैं।

बहन और परिवार का सहयोग

सचिन की बहन रेनू भी पढ़ाई में बहुत तेज थीं। उन्होंने 2019 में 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 98.8% अंक प्राप्त किए, लेकिन परिवार की स्थिति के कारण वह आगे नहीं पढ़ पाई। सचिन ने बताया कि उनकी बहन अब भी टीचर बनने की तैयारी कर रही है। सचिन की मां सरला देवी ने बताया कि उनका बेटा दिन-रात मेहनत करता था, और जब हम सो जाते थे, वह पढ़ाई करता रहता था। परिवार का कहना है कि सचिन ने उनके नाम को रोशन किया है और वह बहुत खुश हैं।

सचिन की सफलता यह साबित करती है कि मेहनत, समर्पण और परिवार का समर्थन किसी भी चुनौती को पार करने में मदद कर सकता है।

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