Haryana में मंत्रियों को नहीं मिलेगी ट्रांसफर की पावर, सभी तबादले होंगे ऑनलाइन: सीएम सैनी - Trends Topic

Haryana में मंत्रियों को नहीं मिलेगी ट्रांसफर की पावर, सभी तबादले होंगे ऑनलाइन: सीएम सैनी

Haryana 2

Haryana में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों को लेकर एक अहम निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्पष्ट किया है कि मंत्रियों को ट्रांसफर की पावर नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी ट्रांसफर अब सॉफ्टवेयर के जरिए ही होंगे, ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष बनी रहे।

सॉफ्टवेयर के जरिए ट्रांसफर प्रक्रिया
सीएम सैनी ने पंचकूला में एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य की ट्रांसफर पॉलिसी पूरी तरह ऑनलाइन है। ऐसे में किसी मंत्री या अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से तबादले का अधिकार देने का सवाल ही नहीं उठता। यदि किसी कर्मचारी को अपनी ट्रांसफर को लेकर कोई समस्या है, तो वह जिला उपायुक्त (डीसी) की अध्यक्षता में बनी कमेटी के पास आवेदन कर सकता है। कमेटी के जरिए ही समस्या का समाधान किया जाएगा।

मंत्रियों की ट्रांसफर पावर की मांग पर रोक
सरकार में कुछ मंत्री ग्रुप-सी और डी वर्ग के कर्मचारियों के ट्रांसफर का अधिकार अपने पास रखना चाहते थे। इसे लेकर चर्चाएं जोरों पर थीं। लेकिन सीएम सैनी ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया कि किसी मंत्री को यह अधिकार नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले खट्टर सरकार ने एक महीने के लिए मंत्रियों को ट्रांसफर की पावर दी थी, लेकिन अब सैनी सरकार में सॉफ्टवेयर के जरिए ही सभी ट्रांसफर हो रहे हैं।

मंत्रियों की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री कृष्ण लाल पवार ने कहा कि मंत्रियों के पास अधिकारियों के तबादलों की प्रक्रिया को समझने और समाधान देने की जिम्मेदारी होती है। अगर लोगों को किसी परेशानी का सामना करना पड़ता है, तो मंत्री उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान करने की कोशिश करते हैं।

तबादलों को लेकर सख्त दिशा-निर्देश
हाल ही में राज्य सरकार ने ट्रांसफर प्रक्रिया को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी तबादले मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (HRMS) मॉड्यूल के जरिए होंगे। मैनुअल तबादलों पर पूरी तरह से रोक रहेगी। इसके अलावा, ग्रुप-ए, बी, सी, और डी कर्मचारियों के किसी भी तबादले के लिए ट्रांसफर एडवाइजरी की मंजूरी अनिवार्य होगी।

पारदर्शिता के लिए कदम
सरकार का यह फैसला ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इससे मंत्रियों और अधिकारियों के बीच मनमाने तबादलों की संभावना कम होगी और कर्मचारी बिना भेदभाव के अपनी सेवा दे सकेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *