खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है। उनकी बिगड़ती सेहत को लेकर किसान नेता Sarwan Singh Pandher ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। पंढेर ने कहा, “डल्लेवाल की हालत नाजुक है। अगर उन्हें कुछ भी होता है, तो इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी, जो समय पर किसानों की मांगों का समाधान नहीं कर रही है।”
सरकार और विपक्ष पर निशाना
Sarwan Singh Pandher ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पर आरोप लगाया कि वे संसद में किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “अभी तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के समर्थन में कोई बयान नहीं दिया। अगर रवनीत बिट्टू बीजेपी से इस्तीफा दे दें, तो यह बड़ी बात होगी, लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री को भगवान सद्बुद्धि दें, ताकि वह किसानों की समस्याओं का हल निकाल सकें।”
रेल रोको आंदोलन की घोषणा
Sarwan Singh Pandher ने आंदोलन को तेज करते हुए किसानों से अपील की कि वे अपने गांवों के रेल फाटकों पर जाकर रेल रोको आंदोलन करें। उन्होंने कहा, “हम कल रेल रोको करेंगे और सरकार को मजबूर करेंगे कि वह हमारी मांगों को पूरा करे।”
जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 नवंबर से आमरण अनशन पर हैं। उनकी मुख्य मांगें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और अन्य किसानों के मुद्दों का समाधान हैं। सोमवार को अपने संबोधन में डल्लेवाल ने कहा कि एमएसपी पर कानूनी गारंटी किसानों का हक है और इसे देने में सरकार को समस्या नहीं होनी चाहिए।
एमएसपी पर सवाल और सरकार का दावा
केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने दावा किया था कि किसानों को एमएसपी से अधिक दाम मिल रहे हैं। इस पर डल्लेवाल ने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर सरकार सही कह रही है, तो फिर एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने में क्या समस्या है? पिछले 10 सालों में गेहूं के एमएसपी में सिर्फ 825 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जबकि खेती की लागत 56% से अधिक बढ़ गई है।” उन्होंने 2004-2014 के दौरान गेहूं के एमएसपी में हुई 130% बढ़ोतरी का भी उल्लेख किया।
दिल्ली चलो मार्च और किसान आंदोलन
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान दिल्ली चलो मार्च का आयोजन कर रहे हैं। हालांकि, सुरक्षा बलों ने दिल्ली कूच को रोक दिया, जिसके बाद किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं।
किसानों की मांगें
- फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी।
- खेती के बढ़ते खर्चे और मुनाफे के बीच असंतुलन को ठीक करना।
- किसानों की अन्य लंबित मांगों का समाधान।
सरकार से अपील
किसानों ने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द बातचीत शुरू करने और उनकी मांगों को मानने की अपील की है। किसान नेताओं ने साफ कहा कि वे पीछे हटने वाले नहीं हैं और आंदोलन को और तेज करेंगे।