Khanauri border पर किसानों के संघर्ष ने नया मोड़ ले लिया है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल के समर्थन में अब सभी किसान भूख हड़ताल पर जा रहे हैं। डल्लेवाल के गांव में चूल्हे नहीं जल रहे हैं, क्योंकि गांववासियों ने भी इस आंदोलन में एकजुटता दिखाते हुए उपवास रखा है।
गांव की एकजुटता
डल्लेवाल की बहू और पोते ने भी भूख हड़ताल में हिस्सा लिया और किसानों को अपने संघर्ष को जारी रखने के लिए प्रेरित किया। डल्लेवाल के पोते ने कहा, “मेरे दादाजी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार हैं। यह उपवास उनका सहारा है। सरकार को किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए ताकि वे अपने घर लौट सकें।”
डल्लेवाल की बहू ने कहा, “आज हमारे गांव में चूल्हा नहीं जला। पूरा गांव उपवास में है। मेरे ससुर सिर्फ एक इंसान नहीं, बल्कि एक ऐसी सोच हैं जिसे दबाया नहीं जा सकता।”
डल्लेवाल की हालत चिंताजनक
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ रही है। उनकी भूख हड़ताल 15वें दिन में प्रवेश कर चुकी है, और अब उन्हें मंच पर आना भी मुश्किल हो रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, उनके किडनी और लीवर पर असर पड़ रहा है।
मेडिकल रिपोर्ट
डॉक्टरों द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक:
- ब्लड प्रेशर: 124/95
- शुगर: 93
- पल्स: 87
- वजन: 11 किलो कम
डल्लेवाल ने स्पष्ट किया है कि यह आर-पार की लड़ाई है। उन्होंने कहा, “जब तक एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा, मेरी भूख हड़ताल जारी रहेगी।”
किसान नेताओं ने सरकार से अपील की है कि एमएसपी गारंटी पर जल्द कानून बनाया जाए, ताकि यह आंदोलन खत्म हो और किसान अपने घर लौट सकें।