Balwant Singh Rajoana अपने गांव पहुंचे, भाई के अंतिम संस्कार में हुए शामिल - Trends Topic

Balwant Singh Rajoana अपने गांव पहुंचे, भाई के अंतिम संस्कार में हुए शामिल

Balwant Singh Rajoana

Balwant Singh Rajoana हत्याकांड में सजा काट रहे बलवंत सिंह राजोआना आज कड़े पुलिस बंदोबस्त के बीच अपने पैतृक गांव राजोआना कलां पहुंच गए हैं. आपको बता दें कि बलवंत सिंह राजोआना को उनके भाई कुलवंत सिंह राजोआना के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 3 घंटे की पैरोल दी गई है। बलवंत सिंह राजोआना को उनके गांव राजोआना कलां में आज के अंतिम संस्कार और अंतिम संस्कार की प्रार्थना में शामिल होने के लिए सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक की अनुमति दी गई है।

Balwant Singh Rajoana अपने पैतृक गांव राजोआना कलां के ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब पातशाही दसवीं में पहुंच गए हैं, जहां उनके एकमात्र बड़े भाई कुलवंत सिंह को आज अंतिम अरदास की जा रही है। गांव पहुंचने पर भाई राजोआना के घर का माहौल बेहद भावुक हो गया|

इससे पहले, 2021 में उसे अपने पिता के भोग में शामिल होने के लिए एक घंटे की पैरोल दी गई थी। अब, पुलिस ने इस मामले में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता कर दिया है।

Balwant Singh Rajoana के बड़े भाई कुलवंत सिंह की 4 नवंबर को कनाडा में अचानक मौत हो गई थी। इसके बाद, अब उनके पैतृक गांव रोजाना कलां में कुलवंत सिंह का भोग रखा गया है। यह कार्यक्रम लुधियाना के पास स्थित उनके गांव में आयोजित किया गया, और इसके लिए याचिका दायर की गई थी, जिसे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मंजूरी दी है। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसके बाद, बलवंत सिंह राजोआना को फिर से पटियाला जेल भेजा जाएगा।

कुलवंत सिंह कुछ समय पहले अपने बेटे से मिलने के लिए कनाडा गए थे, और 4 नवंबर को शाम के समय उन्हें अचानक हार्ट अटैक आ गया, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। बलवंत सिंह राजोआना के माता-पिता पहले ही गुजर चुके हैं, और अब उनके दो भतीजे और अन्य रिश्तेदार जीवित हैं।

गौरतलब है कि बलवंत सिंह राजोआना लगभग 28 साल से जेल में बंद हैं, और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, और अब सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला राष्ट्रपति के पास भेज दिया है। कोर्ट ने राष्ट्रपति के सचिव को आदेश दिया है कि इसे राष्ट्रपति के सामने पेश किया जाए, साथ ही उनसे अनुरोध किया है कि इस पर दो हफ्ते के भीतर फैसला लिया जाए।

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