Rewari जिले में सोमवार को लगातार दूसरे दिन सुबह से ही भारी स्मॉग छाया रहा। इससे पहले रविवार को दोपहर बाद से स्मॉग का असर देखा गया था। इस बढ़ते प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बेहद खराब स्तर पर पहुंच गया। सोमवार को रेवाड़ी का AQI 433 दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे अधिक है। रविवार को यह 330 था।
प्रदूषण से बढ़ी स्वास्थ्य समस्याएं
स्मॉग का असर सबसे ज्यादा बच्चों, बुजुर्गों और बीमारी से जूझ रहे लोगों पर पड़ रहा है। लोगों को:
- आंखों में जलन
- सांस लेने में कठिनाई
जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
दृश्यता पर असर, वाहन चालकों को मुश्किलें
भारी स्मॉग के कारण दृश्यता बेहद कम हो गई।
- शहरी इलाकों में दृश्यता 100 मीटर तक रही।
- ग्रामीण क्षेत्रों में यह 50 मीटर तक सीमित हो गई।
वाहन चालक दिन के समय भी हेडलाइट जलाकर यात्रा करते नजर आए।
भिवाड़ी: ठंडी हवाओं और प्रदूषण का दोहरा प्रको
भिवाड़ी और उसके आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में रविवार से आसमान में स्मॉग छाया रहा। दिनभर सूर्य बादलों के पीछे छिपा रहा, और ठंडी हवाओं ने स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना दिया।
प्रदूषण के खतरनाक आंकड़े
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, रविवार शाम 4 बजे भिवाड़ी का:
- AQI: 345
- PM 2.5: 500
- PM 10: 448
प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास नाकाफी
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण के लागू होने के बावजूद सड़कों पर निर्माण सामग्री खुली पड़ी है और औद्योगिक कचरा इधर-उधर फैला हुआ है। रेत और धूलकण हवाओं में घुल रहे हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ रही है।
डॉक्टरों की सलाह और बचाव के उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है:
- मास्क पहनकर घर से बाहर निकलें।
- घर के अंदर वायु शुद्ध करने वाले उपकरणों का उपयोग करें।
- बुजुर्ग और बच्चों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है।
स्मॉग के बढ़ते स्तर और प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और संबंधित विभागों को प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।