हॉकी जूनियर महिला एशिया कप और जूनियर महिला विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट्स के करीब आते ही भारतीय टीम ने तैयारियों को तेज कर दिया है। 12 से 21 नवंबर तक नीदरलैंड और बेल्जियम में अभ्यास मैचों का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए भारतीय टीम 10 नवंबर को रवाना हो चुकी है। इन मुकाबलों में हरियाणा के Bhiwani जिले की बेटी इशिका भी अपनी प्रतिभा का जलवा दिखाने को तैयार हैं।
Bhiwani से अंतरराष्ट्रीय स्तर तक का सफर
इशिका, जो Bhiwani के गांव बापोड़ा की रहने वाली हैं, अंतरराष्ट्रीय हॉकी में खेलने वाली जिले की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं।
- उन्होंने हॉकी का सफर कक्षा छठी से शुरू किया और तब से लगातार अपने खेल में मेहनत और लगन से आगे बढ़ती रहीं।
- इशिका ने अपने पिता वीरेंद्र सिंह, जो जिला खेल अधिकारी और हॉकी कोच हैं, से हॉकी के गुर सीखे।
- फॉरवर्ड पोजीशन पर खेलने के साथ ही मिडफील्ड में भी वह शानदार प्रदर्शन करती हैं।
शिक्षा और खेल का संतुलन
वर्तमान में इशिका महारानी किशोरी जाट कन्या महाविद्यालय, रोहतक में बीएससी स्पोर्ट्स की छात्रा हैं। खेल के साथ अपनी पढ़ाई को भी उन्होंने पूरी गंभीरता से निभाया है।
इशिका की मेहनत और उपलब्धियां
इशिका ने बचपन में ही हॉकी स्टिक थाम ली थी और अपनी लगन व कड़ी मेहनत के दम पर आज इस मुकाम पर पहुंची हैं।
- भीम स्टेडियम, भिवानी में अभ्यास करते हुए उन्होंने अपने खेल को निखारा।
- आज वह भारतीय जूनियर महिला टीम का अहम हिस्सा हैं और नीदरलैंड में आयोजित अभ्यास मैचों में अपने प्रदर्शन से टीम को मजबूत करने का प्रयास करेंगी।
भविष्य के लिए तैयार
जूनियर महिला एशिया कप और विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने से पहले इशिका और उनकी टीम नीदरलैंड में हॉकी की बारीकियां सीखने और प्रैक्टिस मैच खेलने में जुटी हुई हैं। इशिका के प्रदर्शन से न केवल उनके गांव और जिले बल्कि पूरे देश को उम्मीद है कि वह भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।
इशिका की कहानी मेहनत, समर्पण और लगन का प्रेरणास्रोत है, जो युवाओं के लिए एक आदर्श है।