मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश सहित 18 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। लेकिन उत्तर भारत में इसका असर सबसे कम है. Punjab और चंडीगढ़ में मौसम एक बार फिर शुष्क होने लगा है. तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है| राज्य के अधिकांश जिलों में बारिश नहीं होने से तापमान में 1.1 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है. जिसके बाद फिरोजपुर का तापमान एक बार फिर 35 डिग्री के पार पहुंच गया. इसके साथ ही चंडीगढ़ का तापमान 33.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 0.3 डिग्री ज्यादा है.
मौसम विज्ञान केंद्र (IMD) के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में कल से बारिश हो रही है. यही कारण है कि चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश के आसपास के इलाकों के अलावा, पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, नवांशहर, लुधियाना, रूपनगर, एसएएस नगर, फतेहगढ़ साहिब, बरनाला, संगरूर, पटियाला और मनसा में बारिश होने की संभावना है। लेकिन ये संभावनाएं भी सिर्फ 25 फीसदी तक ही हैं|
आईएमडी के मुताबिक ऐसा मौसम 13 फरवरी तक बने रहने की उम्मीद है. तापमान बढ़ेगा और वातावरण में नमी कम होगी तथा चिपचिपी गर्मी से राहत मिलेगी। इसके बाद 14 तारीख को हल्की बारिश की संभावना बढ़ती जा रही है.
जम्मू-कश्मीर पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ परिसंचरण शनिवार को कमजोर हो गया। जिसके बाद अब पंजाब और चंडीगढ़ के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. मौसम विज्ञान के मुताबिक पंजाब और चंडीगढ़ में बारिश की संभावना अब शून्य से 25 फीसदी तक सीमित है.
मौसम विभाग ने 9 सितंबर को मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना में भारी बारिश की आशंका जताई है। , किया था आंध्र प्रदेश को अलर्ट जारी किया गया है.
कम बारिश के कारण बांधों में पानी की स्थिति चिंताजनक है. पंजाब और हिमाचल प्रदेश में कम बारिश का असर उत्तर भारत के तीन प्रमुख बांधों भाखड़ा, पोंग और थीन पर पड़ रहा है। 6 सितंबर की सुबह तक सतलुज नदी पर बने भाखड़ा बांध का लेवल 1642.47 फीट दर्ज किया गया. बांध अभी भी अपनी क्षमता से 27 फीसदी खाली है. ब्यास नदी पर बने पोंग बांध का स्तर 1363.23 फीट है, जो अपनी क्षमता से 34 फीसदी खाली है.
इसी तरह रावी नदी पर थेन बांध का स्तर 1645.81 फीट है, जो अपनी पूरी क्षमता से 50 फीसदी खाली है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो 2025 में पंजाब के साथ-साथ हरियाणा और राजस्थान को सिंचाई और बिजली आपूर्ति में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ परिसंचरण कमजोर पड़ गया।