आम लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में तिहाड़ जेल में बंद पर्ल्स कंपनी के मालिक Nirmal Singh Bhangu की मौत हो गई है। निर्मल सिंह भंगू पर्ल्स कंपनी के जरिए निवेशकों से 45 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में जेल में थे.
बताया जाता है कि भंगू को शाम दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया, जहां शाम करीब 7.50 बजे उसने दम तोड़ दिया। उन्हें घोटाले के सिलसिले में 2016 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में हैं।
भंगू को जनवरी 2016 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया था. पर्ल्स ग्रुप के मालिक निर्मल सिंह भंगू पंजाब के बरनाला जिले के मूल निवासी थे, जिसके बाद वह 70 के दशक में नौकरी की तलाश में कोलकाता चले गए।
वहां उन्होंने कुछ साल तक पीयरलेस नाम की एक इन्वेस्टमेंट कंपनी में काम किया, जिसके बाद उन्होंने हरियाणा की एक कंपनी गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड में काम करना शुरू किया, इस कंपनी के बंद होने के बाद निर्मल सिंह बेरोजगार हो गए लेकिन इस दौरान उन्होंने एक अच्छी सीख ली थी चिटफंड के नाम पर लोगों को ठगने के हुनर से उसने 1980 में पर्ल्स गोल्डन फॉरेस्ट (पीजीएफ) नामक कंपनी बनाई, जो वृक्षारोपण में निवेश कर लोगों को अच्छे रिटर्न का वादा करती थी। 1996 तक उन्होंने इससे करोड़ों रुपए इकट्ठा कर लिए थे, लेकिन इनकम टैक्स और अन्य जांचों के चलते उन्हें कंपनी बंद करनी पड़ी।
निर्मल सिंह भंगू ने 1996 में PACL नाम से एक रियल एस्टेट कंपनी बनाई और फिर इसे एक निवेश योजना में बदल दिया। लोगों को भारी मुनाफे का लालच देकर करोड़ों रुपये का निवेश कराया गया और कुछ ही समय में 5 करोड़ भोले-भाले निवेशकों ने 50,000 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया. पीएसीएल करीब 30 लाख एजेंटों के साथ अपना कारोबार चलाती थी. इस धोखाधड़ी के जरिए भंगू ने अरबों रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया. आज भंगू के पास देश के लगभग हर छोटे शहर में अरबों की संपत्ति है। यह ऑस्ट्रेलिया और अन्य जगहों पर भी उनकी संपत्ति है।