शिरोमणि अकाली दल की अनुशासन समिति ने पार्टी के संरक्षक Sukhdev Singh ढींडसा को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि सुखदेव सिंह ढींडसा लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियां कर रहे थे जिसके चलते उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है|
आपको बता दें कि बागी अकाली नेताओं में गुरप्रताप सिंह वडाला, बीबी जागीर कौर, प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, परमिंदर सिंह ढींढसा, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, सुरिंदर सिंह ठेकेदार और चरणजीत सिंह बराड़ को प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया है| पार्टी हो गई इसके साथ ही 7 विधानसभा क्षेत्रों के मौजूदा विधानसभा क्षेत्र प्रभारियों को भी हटा दिया गया है|
गौरतलब है कि इसके बाद शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक सुखदेव सिंह ढींडसा ने 8 अकाली नेताओं को पार्टी से निकालने के फैसले को खारिज कर दिया था. वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींढसा ने कहा कि सुखबीर बादल संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं| उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी भी सभी सदस्य हैं|
सुखदेव ढींडसा ने कहा था कि सब कुछ संविधान के खिलाफ हो रहा है| सुखबीर बादल को किसी को पार्टी से निकालने का कोई अधिकार नहीं है। हमने अनुशासन समिति के फैसले को रद्द कर दिया है| हम जल्द ही सत्र बुलाएंगे और अगली कमेटी बनाएंगे।’ सुखबीर अब राष्ट्रपति पद के लायक नहीं हैं। सुखबीर बादल को कोई पसंद नहीं करता| सुखदेव सिंह ढींढसा ने कहा है कि हम कुछ नेताओं को पार्टी से निकालने के फैसले को खारिज करते हैं| पार्टी में आठ सदस्य बचे हैं| अनुशासन समिति का निर्णय असंवैधानिक है|
इसके बाद शिरोमणि अकाली दल ने कार्रवाई करते हुए सुखदेव सिंह ढींढसा को भी पार्टी से निकाल दिया गया है| पार्टी का कहना है कि सुखदेव सिंह ढींडसा लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं. जिसके चलते उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है |