सिटी पुलिस ने 7 Weapon और 6 फर्जी असलाह लाइसेंस सहित 8 लोगों को काबू किया है, जबकि मास्टरमाइंड सेवा केंद्र जिला तरनतारन का मैनेजर सूरज भंडारी फरार चल रहा है। मामले में मैनेजर सूरज भंडारी के निर्देश पर फर्जीवाड़े का काम करने वाले तरनतारन सेवा केंद्र के एक कर्मी हरपाल सिंह और फोटोशॉप मालिक बलजीत सिंह शामिल हैं, जो पुलिस की गिरफ्त में हैं। इसके अलावा पकड़े गए 6 लाइसेंसधारकों की पहचान अभय सिंह, मनप्रीत सिंह निवासी सुल्तानविंड, रोहित, बल्लू निवासी, कवरदीप सिंह निवासी गेट हकीमां और हरविंदर सिंह है।
यह लाइसेंसधारक सिटी के रहने वाले हैं। इन्होंने तरनतारन में पहले फर्जी आधार कार्ड बनवाकर तरनतारन से फर्जी असलहा लाइसेंस बनवाया था। डीजीपी पंजाब गौरव बने 6 फर्जी हथियार यादव ने कहा कि पुलिस ने लाइसेंस और आधार कार्ड, 7 पिस्तौल, रिवॉल्वर, डबल बैरल राइफल और फर्जी दस्तावेज, लैपटॉप, प्रिंटर बरामद किए हैं। पुलिस ने एक लैपटॉप भी बरामद किया है, जिसमें विभिन्न दस्तावेजों से छेड़छाड़ के लिए इस्तेमाल किए गए ऑनलाइन ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का विवरण था।
पुलिस आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है। फोटो स्टेट दुकान का मालिक बलजीत आर्म्स लाइसेंस के फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करता था। पुलिस कमिश्नर रणजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि सभी फर्जी लाइसेंस तरनतारन में बने हैं। अमृतसर के रहने वाले युवकों ने तरनतारन के रहने वाले युवकों के साथ मिलकर फेक लाइसेंस बनवाएं हैं |
सेवा केंद्र के जिला मैनेजर सूरज भंडारी और एक सहायक कर्मचारी हरपाल सिंह की मिलीभगत से जाली आधार कार्ड तैयार करके फेक आर्म्स लाइसेंस बनाए गए हैं। अभी फिलहाल जाली 6 लाइसेंस पुलिस ने बरामद किए हैं। कुल 8 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है, जिनमें 6 आरोपी लाइसेंस होल्डर हैं। आरोपी बलजीत का तरनतारन सेवा केंद्र के सामने प्राइवेट साइबर कैफे है। बलजीत आर्म्स लाइसेंस के फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करता था। हरपाल सिंह नाम का व्यक्ति सेवा केन्द्र का कर्मचारी है, जो 2018 से तरनतारन में काम कर रहा है |